हिन्दू धर्म में नवरात्रि का समय बहुत ही शुभ माना जाता है। इस चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास बहुत ही अच्छा मौका होता है। नवरात्र में पूरे नौ दिन तक मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं मान्यता ये भी है की नौ दिन जो व्यक्ति पूरे भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं। बता दें कि 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इसके अलावा चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 2 अप्रैल दिन शनिवार को प्रातः सूर्योदय के समय 5 बजकर 50 मिनट से 8:22 तक का समय विशेष शुभ है। साथ ही दूसरा मुहूर्त कलश स्थापना के लिए सूर्योदय से सुबह 11। 28 बजे तक शुभ है।
इस नवरात्रि में भूल कर भी न करें ये गलतियां:
नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान कुछ लोग पूरे नौ दिन तक उपवास भी रखते हैं। वहीं अगर आप नवरात्रि के नौ दिन तक उपवास रख रहे हैं तो कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसके अलावा जो लोग उपवास नहीं भी कर रहे हैं उन्हें भी नवरात्रि में इन नियमों का जरूर पालन करना चाहिए।
1- चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों का उपवास रहने वाले लोगों को ना तो कोई गलत काम करना चाहिए, ना ही किसी के बारे में बुरे विचार लाने चाहिए। साथ ही उपवास रखने वाले लोगों का मन-विचार सकारात्मक और सात्विक होंगे तभी उन्हें व्रत-पूजा का पूरा फल मिलेगा।
2- चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले से ही तामसिक आहार का सेवन नहीं करना चाहिए । नवरात्रि में व्यक्ति को अपने शरीर के साथ साथ मन को भी शुद्ध रखना चाहिए।
3– नवरात्रि के नौ दिनों तक लहसुन-प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए । जो लोग पूरे नौ दिनों का उपवास करते हैं उन्हें अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चहिए। ऐसे में आप व्रत वाला सेंधा नमक इस्तेमाल कर सकते हैं।
4- नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्तों को दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमित तौर पर करना चाहिए। यह पाठ करने से मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं।
5- नौ दिनों का उपवास रखने वालों को जमीन पर सोना चाहिए या फिर चौकी पर सो सकते हैं। उपवास के दौरान पलंग या खाट पर सोने से बचना चाहिए।
पूजन विधि:
चैत्र नवरात्रि में सर्वप्रथम एक चौकी पर गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करके उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर दें। उसके बाद कलश की स्थापना करें। कलश की स्थापना करने के बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी, लाल फूल, और श्रृंगार आदि की वस्तुएं अर्पित करें। फिर धूप व दीप जला कर मां की आरती करें। इसके बाद नवरात्रि की कथा पढ़ें और मां दुर्गा को प्रसाद का भोग लगाएं।
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