लखनऊ–सेना कोर्ट स्थित एएफटी बार एसोसियेशन में जारी विवाद ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब बार के अध्यक्ष डी०एस० तिवारी को बार की प्रबंधकारिणी समिति की मासिक बैठक में ध्वनिमत से पारित प्रस्ताव द्वारा प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
बार में जारी घमासान के बीच डी एस तिवारी ने बार के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के लिए अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री एच०जी०एस० परिहार को सहमत किया और कार्यकारिणी को छल पूर्वक बगैर मध्यस्थता की बात बताए वहां ले गए। बार के आंतरिक मामलों पर विचार-विमर्श शुरू होते ही बार के सदस्य भडक गए और वहां से उठकर चले आए। बार के सदस्यों में इस विषय का आक्रोश व्याप्त हो गया इसे बार के अपमान के रूप में देखा जाने लगा l
बार की मासिक मीटिंग में यह मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा और सदस्यों ने उनको बार की गरिमा को क्षति पहुंचाने और बार विरोधी गतिविधि में लिप्त होने के मामले में श्री तिवारी को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करके आम सभा के समक्ष भेजने की मांग करने लगे और अंततः कार्यकारिणी मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे श्री राम कृष्ण बाजपेयी ने बीच-बचाव करते हुए मत विभाजन का निर्देश दिया जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया।
उसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति और डी०एस०तिवारी के बार से निष्कासन के लिए आम के समक्ष भेज दिया गया और मीटिंग में ही आम सभा की आकस्मिक मीटिंग अविलंब बुलाने का प्रस्ताव पास किया गया l खबर लिखने तक आम सभा सचिव द्वारा बुला ली गई है जिसमें इन सभी विषयों पर विचार किया जाएगा l