न्यूज डेस्क — प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण रखने के लिए यूपी पुलिस बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल वारदात की नीयत से अपने आसपास घूमने वाले जिन संदिग्धों की गतिविधियों पर लोगों की नजर नहीं पड़ती…
जिन्हें अब यूपी पुलिस आसानी से देख लेगी और वारदात को अंजाम देने से पहले ही पहुंचकर उन्हें दबोच लेगी। पर ये संभव होगा आपकी मदद से।
बता दें कि यूपी पुलिस प्रदेशभर के मकानों और दुकानों में लगे 20 लाख सीसीटीवी कैमरों को इंटरनेट के जरिए यूपी-100 मुख्यालय से जोड़ने की कवायद कर रही है। इस बाबत एसपी यूपी-100 मोहम्मद इमरान ने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से कैमरों को जोड़ने का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्रयोग के तौर पर अगले महीने तक लखनऊ में इसकी शुरुआत की जा सकती है।
वहीं कैमरों को यूपी-100 मुख्यालय से जोड़ने के लिए सिक्का केबल, माइक्रोसॉफ्ट और सभी केबल कंपनियों से समझौता किया जा रहा है। इसके लिए डेटा एनालिस्टिक सॉफ्टवेयर भी तैयार हो रहा है जो कैमरे की जद में आने वाल हर संदिग्ध गतिविधि को चिह्नित करेगा। एसपी ने बताया कि कैमरों की कनेक्टिविटी के लिए दो तरीके अपनाए जाएंगे।
स्मार्ट कैमरों का डेटा सिमकार्ड के माध्यम से क्लाउड पर लिया जाएगा। दूसरे माध्यम में फायरवॉल जैसे सॉफ्टवेयर की मदद से लोगों के कैमरों को केबल से जोड़ा जाएगा। इसमें पुलिस अपना पासवर्ड डालेगी ताकी इसका डेटा केबल ऑपरेटर न देख सकें।
गौरतलब है कि अपराध पर नियंत्रण रखने के लिए शुरू हो रही इस व्यवस्था से पहले प्रदेशभर में लगे कैमरों की जानकारी ली जा रही है। अब तक मिली जानकारी के मुताबकि प्रदेश में करीब 20 लाख कैमरे इस्तेमाल होते पाए गए हैं जिसमें करीब 70 हजार लखनऊ में लगे हैं। इसमें 280 कैमरे पुलिस के लगे हैं। इसके अलावा पांच हजार से ज्यादा कैमरे पुलिस के सहयोग से लोगों ने लगवाए हैं।