सावधानः अब नही बिकेंगे अखबार …?

सीतापुर — यूपी के सीतापुर शहर मे मठाधीशी हावी हो रही वो चाहे किसी रूप मे हो लेकिन हावी जरूर है,गुंडई तो इस कदर शहर की सड़कों पर मंडरा रही कि कब किसको पकड़कर पीट दिया जाये कोई भरोसा नही।

अब ऐसी हरकते कोई गली का लुच्चा लफंगा या बड़ा माफिया नही कर रहा बल्कि अपने को समाज का ठेकेदार कहने वाले वो जिम्मेदार कर रहे जों कभी अखबारों मे बड़ी-बड़ी,समाज की कुरीतियों को मिटाने और भाईचारगी की बातें कर सुर्खिंया बटोरते थे ।

घटना बीते दिन की जब एक समाचार पत्र विक्रेता को शहर के व्यापारी मनीष लाठ ने अपनी लाठसाहबी दिखाते हुए धमाधम लात-घूसों से जमकर पीट दिया। शायद पत्र विक्रेता की इतनी बड़ी गलती भी नही थी कि उन बुजुर्ग के साथ ऐसी अपराधिक हरकत की जायें? बस दोष इतना कि पत्र के लेनदेन विवाद ने व्यापारी को आगबबूला कर दिया। और दूसरों को समाजिकता का पाठ पढ़ाने वाले, मंचो से बड़ी-बड़ी बातें कर अपने को व्यापारियों का हितैषी कहने वाले मनीष लाठ ने एक पत्र व्यापारी को ही पीट दिया।

कैसा व्यापारी हितैषी माना जा सकता है ऐसी हरकत करने वाले को यह खुद ही लोग समझ सकते है।वहीं इस घटना से आहत होकर समस्त समाचार पत्र व्यापारी(हाकरगण) दो दिन से हड़ताल पर है। समाचार पत्र व्यापारियों ने बैठक कर संगठन से कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए,समूचे पत्रकार जगत से न्याय दिलाने की मांग की है । तब तक सावधान हो जाये….अखबार नही बिकेगा?? की तर्ज पर सभी पत्र विक्रेता हड़ताल पर है। 

उधर घटना की गम्भीरता और बढ़ते दबाव को देखते हुए शहर कोतवाली पुलिस ने व्यापारी मनीष लाठ पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन क्या वो पुलिस इस व्यापारी पर कार्यवाई कर पायेगी जो कई मौके सुअवसरों पर ऐसे व्यापारी के सहारे रहती है । देखना सबसे दिलचस्प यह रहेगा कि पत्रकारिता जगत की रीढ़ पर हुए हमले की मामले मे कौन-कौन संगठन न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरेंगे ?

आरोपी-व्यापारी मनीष लाठ…

(रिपोर्ट- सुमित बाजपेयी,सीतापुर)

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