उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए बड़ा एक्शन लिया है। वह अब तक सूबे के कई IPS अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दे चुके हैं। जबकि पिछले 24 घंटे में दो आईपीएस असफरों पर गाज गिरी है।
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भ्रष्टाचार के प्रकरण में बुधवार को निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ गुरुवार को केस दर्ज किया गया है। इस केस में उनके साथ ही दो थाना के प्रभारियों को भी नामजद किया गया है।
पीपी पांडे इन्फ्राट्रक्चर ने की लिखित शिकायत
बता दें कि महोबा नगर कोतवाली में पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार ( IPS) के खिलाफ आज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। लखनऊ के पीपी पांडे इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की लिखित शिकायत पर शासन के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। उनके साथ ही तत्कालीन निरीक्षक चरखारी राकेश कुमार सरोज और तत्कालीन एसओ खरेला राजू सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
दरअसल महोबा में एसपी का कार्यभार संभालने के बाद ही एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने दो थाना प्रभारियों सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। यहां के कबरई के व्यापारी प्रकरण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को निलंबित किया था तो आज कार्यभार संभालने के बाद एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने चाबुक चला दिया।
चार पुलिसकर्मी निलंबित
उन्होंने कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला, थाना खन्ना प्रभारी राकेश कुमार सरोज, कुलपहाड़ कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक राजू सिंह व आरक्षी राजकुमार कश्यप को निलंबित किया है। इन लोगों पर आरोप है कि इनसभी ने व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी पर पैसों के लिए दबाव बनाया गया और न देने पर धमकी दी गई। इसके साथ ही पूर्व एसपी मणिलाल के निर्देश पर एक कंपनी के मैनेजर की गाडिय़ों का चालान करने के बाद एसपी को पैसे देने के लिए दबाव बनाया।
यही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज ही मणिलाल पाटीदार के साथ प्रयागराज के एसएसपी रहे अभिषेक दीक्षित के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश भी दिया है।
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