कासगंज — गणतंत्र दिवस के दिन हुए तनाव के बाद कासगंज हिंसा की आग जैसे तैसे ठंडी हो पायी है. लेकिन बाहर से कासगंज पहुँच रहे सियासती व नेता ठंडी हो चुकी इस आग को फिर से हवा देने में लगे हुए हैं. ऐसे सियासतदानों व नेताओं की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन उनकी पहचान कर उन्हें जिला सीमा से ही लौटा दे रहा है.
वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश हैं किसी भी बाहरी नेता को कासगंज की सीमा में प्रवेश न करने दिया जाये.लेकिन फिर भी कासगंज शहर की फिजा फिरे से खराब करने के लिए यहाँ गुपचुप तरीके से नेताओं का आना जाना जारी है. मंगलवार दोपहर आंध्रप्रदेश के फायर ब्रांड नेता टी. राजा भी पुलिस प्रशासन को चकमा देकर मोटर साइकिल से मृतक चन्दन के घर सांत्वना देने पहुँच गए.
वहीँ बुधवार कासगंज जनपद की विभिन्न जिला सीमाओं में से अलीगढ की ओर से आ रहे कांग्रेस नेता विवेक वंसल सतीश शर्मा उपेन्द्र अतुल चतुर्वेदी नसीम खां प्रेम चन्द्र विनोद वंसल व राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं को कासगंज आने से रोक दिया गया. उधर बरेली से कासगंज आ रहे इत्तेहाद ऐ मिल्लत काउंसिल के चीफ मौलाना तौकीर रजा खान को भी कासगंज जिला सीमा से बापस लौटा दिया गया.इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को भी कासगंज जाने की अनुमति नहीं दी गई.
गौरतलब है कि कासगंज शहर में पुनः शान्ति स्थापित करने की दिशा में जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है इस बारे में अभेद्य सूचना व सुरक्षा इंतजाम किये गए हैं. जिसके लिए 120 जिलास्तरीय अधिकारियों को मजिस्ट्रेटियल पॉवर दीं गयीं हैं और शहर को 60 सेक्टरों में बांटा गया है.प्रत्येक सेक्टर पर दिन व रात में 12 – 12 घंटे तक एक एक अधिकारी की तैनाती रहेगी.
बता दे कि गणतंत्र दिवस के दिन हुई इस साम्प्रदायिक हिंसा में तिरंगा यात्रा निकाल रहे एक युवक चंदन गुप्ता की जान चली गयी थी.जिसके प्रतिशोध की आग में सारा शहर अचानक ही जल उठा और चार दिनों तक चली इस गुरिल्ला हिंसा में अब तक चार दर्जन से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की गयी.इस दौरान कई वाहनों समेत दुकानों लेकर मकानों व धार्मिक स्थलों को भी आक्रोशित युवाओं ने आग के हवाले कर दिया गया था.
(रिपोर्ट-अमित कुमार तिवारी,कासगंज)