जालौन– माँ सब कुछ सहन कर सकती है लेकिन वह अपने बच्चों की तकलीफ कभी सहन नहीं कर सकती। ऐसा ही देखने को मिला कोतवाली के ग्राम दुवरा में। जहां बेटे की असहनीय तकलीफ को सहन न करने पर उसने फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना के बाद पूरे घर में कोहराम मच गया।
मामला जालौन कोतवाली के ग्राम दुवरा का है। जहां के रहने वाले दीनमुहम्मद की पत्नी रुकसाना ने फांसी लगाकर जान दे दी। रुकसाना ने जान अपने तीन साल के बेटे वारिश की तकलीफ को देखते हुये दी है। जो किडनी की समस्या से जूझ रहा था जिसका इलाज रुकसाना और उसके परिजन धन के अभाव में नहीं करा पा रहे थे। बताया गया कि दीनमुहम्मद और रुकसाना के तीन बच्चे है जिसमें सबसे बड़ी बेटी बेबी(10 वर्ष) उसके बाद आसमीन(7 वर्ष) दोनों बेटी के बाद उसके एक पुत्र वारिश(3 वर्ष) हुआ था जो जन्म से ही किडनी की समस्या से जूझ रहा है। इस समस्या को लेकर रुकसाना और दीनमुहम्मद ने कई अच्छे अस्पतालों में दिखाया लेकिन महंगा इलाज होने के कारण दोनों ने हथियार डाल दिये। जब भी बच्चा किडनी के असहनीय दर्द से तड़पता मां को तकलीफ होती। तीन साल से अपने बेटे के असहनीय दर्द को देखते देखते वह टूट गयी और आज बच्चे की तकलीफ को सहन न कर पाने के कारण उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
इस घटना के बारे में घर वालों को पता चला तो पूरे घर में मातम छा गया। घरवालों में इसकी सूचना पुलिस को दी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। परिजनों का कहना है रुकसाना अपने बेटे के दर्द को लगातार देख रही थी और उससे वह टूट चुकी थी। पैसा न होने के कारण उसका इलाज नहीं करा सके जिस कारण यह कदम उसने उठाया है।
(रिपोर्ट-अनुज कौशिक, जालौन)