बहराइच–नानपारा रेंज के बघौली जंगल में ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बनी तेंदुआ रविवार देर रात को पिंजरे में कैद हो गई। पिंजरे में लगे बकरे को शिकार करते ही तेंदुआ फंस गई। सूचना पाकर बहराइच तथा नानपारा रेंज के वनाधिकारियों के साथ पुलिस टीम मौके पर पहुंची है। उसे रेंज कार्यालय ले जाया जा रहा है।
बहराइच वन प्रभाग के नानपारा रेंज अंतर्गत बघौली जंगल में मादा तेंदुआ अपने शावकों के साथ गांव में जाकर पशुओं को निवाला बना रही थी। माह भर से तेंदुए के हमले से ग्रामीण परेशान थे। चार दिन पूर्व तीन पशुओं को एक साथ निवाला बनाया था। ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने तीन दिन पूर्व पिंजरा लगाया था। लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रही थी। वहीं गांव निवासी ग्रामीण के गाय पर भी शनिवार रात को हमला किया था। इससे ग्रामीण दहशत में थे। वहीं सोमवार रात 10 बजे पिंजरे में बंधी बकरी का शिकार करने के लिए तेंदुआ पिंजरे में प्रवेश कर गई। जिससे वह उसी में कैद हो गई। वन रक्षकों ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी। नानपारा के वन क्षेत्राधिकारी राशिद जमील, बहराइच के डीके सिंह, वन दरोगा सत्यजीत सिंह, प्रभारी निरीक्षक आरपी यादव पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पहुंचे। तेंदुए का रेस्क्यू कर उसे रेंज कार्यालय लाया जा रहा है। वन क्षेत्राधिकारी राशिद जमील ने बताया कि तेंदुआ मादा है। उसकी उम्र चार वर्ष के आसपास है।
जगह बदलने पर कैद हुई तेंदुआ–
वन क्षेत्राधिकारी राशिद जमील ने बताया कि बस्थनवा गांव में पिंजरा लगाया गया था। लेकिन उसका मूवमेंट निरंतर बदल रहा था। इस पर रविवार सुबह ही बघौली टेपरा जंगल के बाहर पिंजरा लगाया गया। जहां देर रात वह पिंजरे में कैद हो गई।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)