न्यूज डेस्क– नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भारत के सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। यह जानकारी UNHRC के उच्चायुक्त ने भारत को दी है।
UNHRC के इस कदम पर भारत की तरफ से सख्त आपत्ति जताई गई है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि ‘यह भारत का आंतरिक मामला है। किसी विदेशी पक्ष को भारत की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर अदालत में जाने का अधिकार नहीं है।’ इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘जेनिवा में हमारे स्थायी मिशन को कल शाम UNHRC के उच्चायुक्त ने बताया कि उनके कार्यालय ने 2019 नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।’
अपने आवेदन में UNHRC ने कहा है कि ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ‘सीएए’ की आलोचना करती है।12 पन्ने के आवेदन में कहा गया है कि ‘ CAA भारत के व्यापक मानवाधिकार दायित्वों और अंतरराष्ट्रीय के वचनों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।’