चुनाव में व्यस्त प्रशासन, गोसदनों में लगातार पशुओं की हो रही मौत

फर्रुखाबाद–फर्रुखाबाद में प्रशासन लाख दावे कर ले सरकार लेकिन सुधरने बाला नहीं है प्रशासन और न ही दिखाई देता है अब किसी नेता को जिले में गाय भूख से मर रही है |

जहानगंज के राजेपुर टप्पा मंडल में सोमवार सुबह पांच गोवंश की मौत हो गई। ग्रामीणों ने जहर देने का आरोप लगाया है। लेकिन गौवंश जिले में लगातार मर रहे है | राहगीरों व किसानों की मुसीबत बने अन्ना पशुओं की धरपकड़ के लिए मुख्यमंत्री ने फरमान जारी किया था। इसके लिए जिले में मनरेगा, जिला पंचायत राज व अन्य विभागों के सहयोग से 26 अस्थायी गोसदन बनवाने के आदेश दिए गए थे। इसी के बाद प्रशासन ने अस्थायी गोसदनों का निर्माण शुरू कराने के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर करीब 350 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल बनवाए। अभियान के तहत करीब छह हजार मवेशी पकड़कर बंद किए गए थे और देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, सचिव व 8-10 ग्रामीणों की कमेटी को सौंपी गई। कुछ ही दिनों में निराश्रित पशुओं की धरपकड़ का अभियान ठंडा पड़ गया। इसके बाद अधिकांश आश्रय स्थलों में बंद मवेशी भी छोड़ दिए गए। इससे शहर, कस्बों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक न राहगीरों की मुसीबत कम हुई और न ही किसान की। फसलें बचाने को किसान रात में जागते रहे। अब हालात यह हैं कि बीमार पशुओं को देखने के लिए डाक्टर भी आश्रय स्थल नहीं पहुंच रहे हैं।  

ताजा मामला व्लाक मोहम्दाबाद के गांव विहार स्थित गौशाला का है जहाँ अब गौ वंश भूख व वीमारी से तड़प तड़प कर मर रहे है | जहाँ अब इन गौ वंशों की सुध लेने बाला कोई नहीं है | न ही भूख से मर रहे गौ वंश को जिला प्रशासन का कोई अधिकारी देखने बाला है और न ही बीमारी से मर रहे गौवंशों को देखने वाला कोई पशु चिकित्साधिकारी गया है |  

आपको बता दें की जब हमारी टीम गांव में पहुंची तो गौशाला के आस पास कोई भी व्यक्ति नहीं मिला | जो लोग मिले भी वो कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए | प्रशासन के डर की बजह से बमुश्किल एक ग्रामीण ने डरते हुए दबी जुवान से बताया की अभी तक लगभग 8 -10 गौवंश मर चुके है | 

(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद ) 

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