सोमवार यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आम बजट पेश किया. दरअसल इस बार ये बजट 2021 पूरी तरह से पेपरलेस था, इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मेड इन इंडिया टैब में बजट पढ़ा. जो डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहन देने वाला कदम है.
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शराब पर लगा 100 फीसदी सेस
वहीं शराब के शौकीनों को बजट 2021 से बड़ा झटका लगा है. शराब पर सरकार ने 100 फीसद सेस लगा दिया है. इसे लगने के बाद शराब की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी होगी.
इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल, डीजल आदि पर भी सेस बढ़ा दिया गया है. पेट्रोल पर ढाई रुपये और डीजल पर 4 रुपये एग्रो इंफ्रा सेस लगाया गया है. इससे कई वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं.
शराब की कीमतें बढ़ना तय
बता दें कि शराब पर सौ फीसद सेस बढ़ने के बाद शराब की कीमतों में इजाफा होना तय है. अलग-अलग राज्यों में शराब की कीमतों अलग है. शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में विभिन्न राज्यों में शराब की कीमतों में लगने वाले टैक्स की दर से हिसाब से कीमतों में इजाफा होगा. शराब की बढ़ी हुई दरें अगले वित्त वर्ष यानि 1 अप्रैल से लागू होंगी.
पट्रोल और डीजल के भी बढ़गे दाम
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और इजाफा होने जा रहा है. आम बजट में डीजल पर 4 और पेट्रोल पर ढाई रुपये का कृषि सेस लगाया गया. हालांकि, सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि ये सेस कंपनियों को देना होगा और आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं होगा.
बजट की मुख्य बातें….
गेहूं उगाने वाले किसानों की संख्या बढ़ी.
गेहूं की MSP डेढ़ गुना की गई.
7 साल में दोगुने से ज्यादा धान खरीदा.
किसानों को उनकी फसल के लिए MSP से 1.5 गुना ज्यादा कीमत दी. जाएगी, किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये दिए गए.
विनिवेश कामों में और तेजी लाएंगे, BPCL, CONCOR को भी सरकार बेचेगी.
इसी वित्त वर्ष में LIC का IPO लाया जाएगा.
बैंकों की NPA समस्या से निपटने के लिए AMC बनाने का ऐलान हुआ.
सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी.
इंफ्रा सेक्टर पर 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
बैंकों की NPA की समस्या से निपटने के लिए ‘बैड बैंक’ का ऐलान किया गया.
इंश्योरेंस सेक्टर में 74 परसेंट FDI को मंजूरी मिली.
ग्राहक अब मर्जी से पावर डिस्ट्रीब्यूटर चुन सकेंगे.
उज्ज्वला योजना से 8 करोड़ को फायदा पहुंचा, अब 1 करोड़ नए लोगों को जोड़ा जाएगा.
जम्मू कश्मीर में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी.
7 बड़े पोर्ट्स प्रोजेक्ट्स को PPP के तहत दिया जाएगा.
वित्त वर्ष 2022 में विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य.
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