शिमला– अक्सर देखा जाता है कि चुनाव में किसी पद के लिए खड़े उम्मीदवार जब अपने स्वयं के लिए वोटर की तरह बूथ पर जाकर वोट डालते हैं ; तो उनके चेहरे पर एक अलग तरह की मुस्कराहट दिखाई देती है। लेकिन इस बार हिमांचल प्रदेश में हो रहे चुनावों में मुख्यमंत्री पद के दोनों ही उम्मीदवार इस ख़ुशी से बेगाने रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश के हो रहे चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। कांग्रेस ने एक बार जहां फिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को अपना चेहरा बनाया है, वहीं बीजेपी ने दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। पिछले कई वर्षों से सियासत की धुरी भी इन्हीं दिग्गजों नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है। इस बार नौ नवंबर को हो रहे मतदान में एक खास बात देखने को यह मिलेगी कि मुख्यमंत्री पद के ये दोनों ही चेहरे खुद के लिए वोट नहीं डाल सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों ही अपने गृह क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। पहली बार इन दोनों ही नेताओं ने अपनी सीटें बदली हैं।
वीरभद्र अभी तक शिमला ग्रामीण से चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पहली बार वह सोलन जिले की अरकी से मैदान में हैं। वहीं धूमल, सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि उनका गृह क्षेत्र समीरपुर विधानसभा क्षेत्र के भोरंज के तहत आता है।