कन्नौज– अगर आप में कुछ करने का जूनून हो तो उम्र मायने नही रखती। कन्नौज में ऐसे ही एक जुनूनी किशोर ने ऐसी डिवाइस बनाई है , जो आँखों से दिव्यांग लोगों के लिये आँख का काम करेगी। यह कारनामा कर दिखाया है यूपी के छोटे से जिले कन्नौज के 16 वर्षीय गौरव विश्वास ने ।
गौरव के पिता पेशे से डॉक्टर हैं जो घर के पास ही अपना क्लीनिक चलाते हैं । बचपन से ही गौरव को साइंटिस्ट बनने का चस्का लग गया और उसने अपने कमरे को ही प्रयोगशाला बना डाला । अपनी छोटी सी लैब में गौरव दिन रात खोज करने में जुटा रहता है । कई दिन की मेहनत के बाद उसने चश्मे में एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो आँखों से दिव्यांग लोगों के लिये वरदान साबित हो सकती है।
इस नन्हे रैंचो ने इस डिवाइस को ब्लाइंड्स गॉगल नाम दिया है। इस डिवाइस की खासियत यह है कि इसके एक मीटर सामने कोई भी चीज आती है तो डिवाइस का सेंसर एक्टिव हो जाता है और एक तेज बजर बजने लगता है। कन्नौज के इस नन्हे रैंचो का कहना है कि यह डिवाइस अंधों के लिए आँख का काम करेगी और वह इसे पहनकर कहीं भी बिना छड़ी के आ जा सकते हैं। डिवाइस बनाने के बाद रैंचो का सपना है कि वह हर जरूरत की चीज भारत में ही बनाए। उन्हें विदेशो से न खरीदा जाए। खासकर चीन पर निर्भरता खत्म करना उसका ख़ास सपना है।
अपनी डिवाइस बनाने में रात दिन जुनून से जूटे रहने वाले गौरव को न खाने का होश रहता है और न किसी जरूरी काम का। उसकी मां का कहना है कि बचपन से ही गौरव को नई नई खोज करने का शौक है। बाहर से कबाड़ इकट्ठा करके लाता है और उससे कुछ न कुछ बनाने में जुटा रहता है।
उसकी इस खोज से परिवार खुश है, लेकिन उन्हें मलाल है इस बात का कि कई सामान वह अपने बेटे को इसलिए मंगवा के नही दे पाते क्योंकि वह बहुत महंगे है। नन्हे साइंटिस्ट के परिजनों को सरकार से कुछ मदद की दरकार है। जिससे वह अपनी नयी नयी खोजें आसानी से पूरा कर सके।
(रिपोर्ट- दिलीप वर्मा , कन्नौज)