कानपुर देहात–कानपुर देहात में भाजपा के बीजेपी के महामंत्री सत्ता के नशे में चूर है और सत्ता का दबाव बनाकर एक महिला डॉक्टर का ट्रांसफर करा दिया। साथ ही आरोप लगाया कि महिला डाक्टर जातिवाद के आधार पर मरीज़ों का इलाज करती है ।
इस दरमियान महिला डॉक्टर के तबादले से गुस्साए लोगो ने भाजपा ज़िला महामंत्री का घेराव कर लिया । वही सत्ता के नशे में चूर बीजेपी महामंत्री हिन्दू मुस्लिम की बात करते हुए महिला डॉक्टर पर आरोप लगाने लगे कि महिला डॉक्टर सिर्फ मुस्लिम समाज के लोगो का इलाज ओर उन्ही को दवाई मुहैय्या कराती है जबकि वहा मौजूद तमाम हिन्दू समाज की महिलाओं ने इस आरोप को दरकिनार किया और महिला डॉक्टर की शान में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए।
कानपुर देहात ज़िले के मूसानगर इलाके में बीजेपी के जिला महामंत्री विद्या सागर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में खड़े होकर हिन्दू मुस्लिम को बांटने का काम कर रहे है। बीजेपी महामंत्री विद्या सागर ने अस्पताल में हंगामा कर आरोप लगा रहे है कि अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक डाक्टर रिफका कादिर सिर्फ मुस्लिम समाज के लोगो का इलाज करती है और उन्ही को दवा देती है ।इस पर अस्पताल में मौजूद मरीज़ों ने बीजेपी महामंत्री का घेराव किया और जमकर उनकी आलोचना की ।
हालांकि सत्ता के नशे में चूर बीजेपी महामंत्री विद्या सागर ने डाक्टर रिफका कादिर का ट्रांसफर तत्काल करा दिया जिससे इलाकाई लोग गुस्सा गए और उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा । सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को बंद करा दिया।
जब महिला डॉक्टर रिफका कादिर सामुदागिक स्वास्थ केंद्र पहुची मानो कोई सेलिब्रिटी आ गया हो लोगो के हुजूम ने उन्हें घेर लिया। महिलाए उनसे चिपट गयी। कुछ की आंखे नम थी। तमाम लबो से डाक्टर रिफका कादिर के लिए दुआए निकल रही थी मानो डाक्टर नही कोई गरीबो का मसीहा आ गया हो ।इस भीड़ में सिर्फ इंसान नज़र आये ना कोई मुस्लिम दिखा ओर ना कोई हिन्दू। दरअसल डाक्टर रिफका कादिर की तैनाती महज़ 3 महीने पहले हुई थी। तैनाती के बाद से अस्पताल के नजदीकी मेडिकल स्टोरों की दुकानदारी पर खासा असर पड़ा था क्योंकि डाक्टर रिफका कादिर बाहर की दवाई ना लिख कर सरकारी दवाई ही मरीजो को देती थी। लिहाज़ा मुफ़लिस गरीब लोगो को सरकारी दवाई से ही राहत मिल जाती थी।
जिसके चलते डाक्टर रिफका कादिर की ख्याति दूर दराज इलाको तक फैल गयी थी और बीजेपी महामंत्री विद्या सागर मूसानगर इलाके के ही रहने वाले है। लिहाज़ा उन्होंने सत्ता के दबाव में डाक्टर रिफका कादिर का ट्रांसफर करा दिया। वही महिला चिकित्सक का कहना है कि मेरा ट्रांसफर कही भी कर दिया जाए मुझे कोई अफसोस नही होगा लेकिन जो आरोप लगाकर मेरा ट्रांसफर किया जा रहा है वो गलत है। मेरे लिए सारे मरीज़ बराबर है फिर क्या हिन्दू ओर क्या मुस्लिम।
(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात)