लखमऊ — अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने गुरुवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
उन्होंने बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाते कहा कि भारतीय जनता पार्टी में दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को अनसुना किया गया. इसलिए आहत होकर मैं इस्तीफा दे रही हूं.
उन्होंने कहा कि आरक्षण खत्म करने की कोशिश की जा रही है. संविधान को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है. इस्तीफे के साथ ही 23 दिसंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में महारैली का ऐलान भी कर दिया. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा के लिए लखनऊ की रैली में बड़ा धमाका करेंगी. संविधान और आरक्षण के आंदोलन को अब वे आगे बढ़ाएंगी.हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे सांसद के पद से इस्तीफा नहीं देंगी.
वहीं भाजपा पर जमकर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी देश का विकास न करके मंदिर और मूर्तियां बना रही है. अल्पसंख्यक को प्रताड़ित किया जा रहा है. इतना ही नहीं बाबा साहब की मूर्ति तोड़ी गई, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से सावित्री बाई फुले लगातार पार्टी और अपनी सरकार पर हलवार थीं. उन्होंने आरक्षण और एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर भी मोर्चा खोला था. वह लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में भी थीं.