कासगंज– सूबे की योगी सरकार के बीजेपी विधायक अपने कारनामों से बाज नही आ रहे है। ताजा मामला कासगंज जिले के लोक निर्माण विभाग का है। जहां बीजेपी विधायकों की शह पर निर्माण खंड कासगंज के टैंडरों में जमकर धांधली हुई, जहां एक और अमांपुर बीजेपी विधायक के भाई ने तो वहीं दूसरी ओर पटियाली कि बीजेपी विधायक के सगे मामा ने 46 टैंडरों को समय बीत जाने के बाबजूद भी सील बंद टेंडर बक्सों की सील तोड़ कर जबरन टैण्डर डाल दिये।
आपको बता दें कि योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सभी विभागों के टैंडरों को ऑनलाइन कर दिया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद 10 लाख से नीचे तक के टैंडरों को ऑफ लाइन टैण्डर करने का आदेश जारी किया। आदेश मिलते ही बीजेपी विधायकों ने जिले के लोक निर्माण विभाग पर अपनी सत्ता की हनक दिखाना शुरू कर दिया।
पहले तो निर्माण विभाग के अभियंताओं पर दबाव बना कर रात ही रात में टैंडरों को लेकर बंदरबाट कर लिया गया। समय बीतते ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने टैंडर बॉक्स को कागज लगाकर सील कर दिया। समय बीत जाने और बॉक्स सील होने के बाबजूद भी अमांपुर विधान सभा से बीजेपी विधायक देवेन्द्र प्रताप के भाई सतेन्द्र प्रताप ने आकर टैंडर बाक्सों पर लगे, सील पेपर को हटाकर थोक में लाये हुये टैंडरों को जबरन टैंडर बाक्स में डाल दिया।
तो वहीं दूसरी ओर कुछ देर वाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव मौर्य के चहेते पटियाली के विधायक ममतेष शाक्य के सगे मामा रवेन्द्र शाक्य भी आ धमके और उन्होने भी पेपर बाक्स पर लगी पेपर सील को फाड़ कर अपने साथ लाये टैण्डरों को टैण्डर वाक्स में डाल दिया, जिससे टैण्डर निविदा की गलत प्रक्रिया से वहां उपस्थित लोगों में आक्रोश का माहौल पैदा हो गया।
जब मामले की जानकारी मौके पर उपस्थित लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजाराम मथुरिया से की गई, तो उन्होने बताया कि हमारे विभाग में आज 46 टैण्डरों को दोपहर 12 बजे तक कक्ष में रखे टैण्डर बाक्स में डालना था, इससे आगे और सवाल पूछने पर उनके द्वारा कोइ भी जवाब नहीं दिया गया और आनन फानन में उन्होने आफिस पर उपस्थित कर्मचारियों के द्वारा टैण्डर बाक्स को कागज लगाकर सील करवा दिया गया।