मेरठ — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में लगे हैं लेकिन मेरठ पुलिस सरकार की अपराध पर जीरो टोलरेंस पॉलिसी में पलीता लगाने में लगी है ।
जहां एक तरफ मेरठ पुलिस बदमाशों की टांग में गोली मारकर खुद को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बता रही है । वहीं दूसरी तरफ वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश और एक लाख के इनामी रह चुके भूपेंद्र बाफर को सुरक्षा दे रही है। जी हां जरायम की दुनिया के सबसे बड़े बदमाशों में शुमार सुशील मूंछ और बदन सिंह बद्दो के करीबी रहे भूपेंद्र बाफर पर मेरठ पुलिस की दरियादिली कुछ और ही बयान कर रही है ।सीधे तौर पर पुलिस और बदमाशों के गठजोड़ की कहानी को पुलिस की इस करतूत ने उजागर कर दिया।
मेरठ पुलिस का एक कारनामा उस समय उजागर हुआ जब सरधना विधायक संगीत सोम ने बदमाश को सुरक्षा देने के मुद्दे पर मेरठ पुलिस पर सवालों की बौछार कर दी । भाजपा विधायक के सवालों से मेरठ पुलिस में हड़कंप मच गया , आनन-फानन में पुलिस ने भूपेंद्र बाफर की सुरक्षा पर जांच बैठा दी ।
इस मामले में भाजपा के फायर ब्रांड विधायक संगीत सोम ने मुख्यमंत्री और डीजीपी को भी पत्र लिखकर मेरठ पुलिस की करतूत का काला चिट्ठा खोल दिया। भाजपा विधायक संगीत सोम की मानें तो मेरठ पुलिस और बदमाशों का यह गठजोड़ मुख्यमंत्री की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी की नीति में पलीता लगा रहा है । उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के खिलाफ काम करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा । इस मामले में वे खुद मुख्यमंत्री से मिलकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करवाएंगे।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने वाली मेरठ पुलिस ने आखिरकार कई दर्जन मुकदमों में वांछित एक लाख के इनामी रह चुके कुख्यात भूपेंद्र बाफर को सुरक्षा क्यों दी । इस सवाल का जवाब शायद मेरठ पुलिस के पास नहीं है । पुलिस से जब इस मामले में बातचीत करने की कोशिश की गई तो कोई भी अधिकारी सामने नहीं आया । हालांकि आपको बता दें कि मेरठ के एसएसपी अजय साहनी की तैनाती से पहले ही भूपेंद्र बाफर को सुरक्षा दी जा चुकी थी। बताया जाता है कि भूपेंद्र बाफर के पास दो सरकारी गनर और एक बुलेट प्रूफ जैकेट भी थी ।
गौरतलब है कि जरायम की दुनिया में ताऊ के नाम से जाने जाने वाले सुशील मूंछ की जेल में हत्या की साजिश रचने में भूपेंद्र बाफर का नाम आ रहा है । इसी के लिए भूपेंद्र बाफर ने मुजफ्फरनगर में पुलिस अभिरक्षा से रोहित सांडू को छुड़वाया था , जिसमें एक पुलिसकर्मी की भी हत्या कर दी गई। 2 दिन पहले ही भूपेंद्र बाफर को मुजफ्फरनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद अब उसे जेल भेज दिया गया।
मेरठ पुलिस द्वारा दी गई सुरक्षा उसी दिन वापस आ गई थी । जिसके बाद बदमाश और पुलिस के इस खेल की कहानी उजागर हो गई ।जिसके बाद विधायक संगीत सोम ने इसे मुद्दा बना लिया और मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है । पुलिस के पास शायद अपनी इस करतूत के लिए कोई जवाब नहीं है इसीलिए पुलिस अधिकारी मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं ।
(रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा, मेरठ)