इन्दिरा गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पंख लगाएगी भाजपा सरकार

औरैया –जिले के पचनद इलाके में पर्यटन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ऐसे में पचनद बांध एक तरफ पर्यटकों को लुभाएगा तो दूसरी तरफ बुंदेलखंड व बीहड़ में सूखे की समस्या का समाधान भी कर देगा। ईको टूरिज्म को लेकर किए जा रहे प्रयास से पचनद बांध बनाने की संभावनाओं को एक बार फिर पंख लग गए हैं।

खास बात यह है कि इन दिनों यूपी, एमपी और राजस्थान में भाजपा की सरकार है। एक ही दल की सरकार होने की वजह से भी पचनद बांध की संभावनाएं बढ़ गई है।बता दें कि पचनद बांध पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। वर्ष 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यमुना पट्टी के गांव सड़रापुर में बांध बनाने की घोषणा की थी। यहां बांध बनने से बुंदेलखंड का सूखा खत्म हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट को बनने में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व राजस्थान सरकार की भी हामी भी चाहिए। चूंकि जो नदियां यहां आकर मिलती है उनका उदगम स्थल मध्य प्रदेश व राजस्थान है। ऐसा संयोग नहीं बना कि तीनों प्रदेशों में एक ही दल की सरकार हो।

2006 में सपा के सांसद रघुराज सिंह शाक्य ने संसद में पचनद बांध मुद्दे को उठाया तब जल निगम मऊरानीपुर डिवीजन से यह कार्य शुरू कराया। इसके बाद मध्य प्रदेश व राजस्थान सरकार की हामी न मिलने से प्रोजक्ट लटक गया। इसके बाद सांसद अशोक दोहरे ने भी इस मुद्दे को सदन में उठाया। तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने 13 फरवरी 2016 को पचनद बांध बनाने के लिये हवाई सर्वेक्षण किया और प्रोजेक्ट निर्माण को हरी झंडी दिखाई। कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार साथ दे तो यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। मगर अब भाजपा की तीनों प्रदेशों में सरकार है और केंद्र में भी भाजपा ही काबिज है। ऐसे में चंबल में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने के बाद बांध बनने की संभावना प्रबल होती दिख रही है।

कहां है पचनद

ग्राम सड़रापुर इटावा-औरैया राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कस्बा मुरादगंज से 16 किमी दक्षिण में स्थित है। इसी स्थान से लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम की ओर पांच नदियां यमुना, चंबल, क्वारी, सिध और पहुज आकर मिलती हैं। इस नाते इस स्थान का नाम पचनद रखा गया है। इन पांचों नदियों का पानी यमुना की मुख्य धारा में मिलकर आगे बहता है। यहां बांध बनाया जाना है। बांध से पानी को रोका जा सकेगा। इससे दो नहरें निकाली जानी हैं। यही नहीं वर्ष 2004 में सिंचाई खंड झांसी की निर्माण संस्था ने पचनद क्षेत्र में आकर कार्यालय खोला और अजीतमल क्षेत्र में जगह-जगह प्रोजेक्ट के संबंधित बोर्ड लगाकर प्राथमिक सर्वे शुरू किया। इससे लोगों को प्रोजेक्ट का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद जगी पर उक्त संस्था से बाद में प्रोजेक्ट का काम वापस ले लिया गया।

पचनद बांध परियोजना से लाभ

इस परियोजना से 4.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी । 7,13, 639 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इस योजना से सिंचाई के अलावा 410 मिलियन यूनिट की बिजली प्रति वर्ष पैदा होगी। 

परियोजना की लागत

वर्ष 1982 की दरों पर आधारित परियोजना की कुल लागत 55934.49 लाख रुपये आंकी  की गई थी। इसमें से सिंचाई सेक्टर की लागत 43308.40 लाख रुपये थी एवं पावर सेक्टर की लागत 12626.09 लाख रुपये आंकी गई ।अब इस परियोजना की लागत कई गुने  होने की आशा है।

(रिपोेर्ट-वरुण गुप्ता,औरैया)

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