लखनऊ — उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के बढ़ते कदमों के साथ ही लोगों की जुबां पर एक नारा छा गया था कि ‘जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है।’ …और प्रदेश की राजनीति में मुलायम का जलवा सक्रिय राजनीति में कभी कम न हुआ।
वह भले ही सत्ता में रहे या न रहे,लेकिन उनकी महत्ता बरकरार रही। यूपी में समाजवादी चेतना के सबसे वाहक के रूप में वह उभरे। इस बीच तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला। समर्थक ही नहीं, विरोधी भी हमेशा उनके कायल रहे।
इटावा के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 में जन्मे मुलायम सिंह यादव ने अपने शैक्षणिक जीवन में B.A, B.T और राजनीति शास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की। उनके पिता सुधर सिंह यादव पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन यही शौक उन्हें राजनीति की ओर ले गया। मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में उनके राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह उनसे प्रभावित हुए नत्थूसिंह के ही परंपरागत विधान सभा क्षेत्र जसवंत नगर से उनका राजनीतिक सफर भी शुरु हुआ।
अपने 80वें जन्मदिवस पर मुलायम सिंह यादव राजनीतिक जीवन के 58 वर्ष भी पूरे कर लेंगे। 1960 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के वाले मुलायम सिंह यादव देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 6 दशक से बदलते भारत को न सिर्फ जिया है, बल्कि उसमें योगदान भी दिया है। वह अपने राजनीतिक जीवन में किंग मेकर से लेकर किंग तक की भूमिका में रहे। चाहे वह केंद्र की सत्ता हो या उत्तर प्रदेश की, हर जगह मुलायम ने अपना लोहा मनवाया।आज मुलायम जहां खड़े हैं बेशक वो पायदान राजनीति में काफी ऊंचा है लेकिन उनकी उड़ान ज़मीन से शुरू हुई थी. जो काफी विस्तारित दिखाई देती है।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज 80वां जन्मदिवस है। देश के बड़े समाजवादी नेताओं में शुमार मुलायम सिंह के जन्मदिवस को लेकर गुरुवार को उनके सैफई स्थित घर से लेकर लखनऊ तक कई कार्यक्रम आयोजित होने हैं। एक तरफ समाजवादी पार्टी ने बड़ी तैयारी कर रखी है, तो दूसरी तरफ मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने भी अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के बैनर तले विशेष दंगल का आयोजन किया है।