महोबा–हमेशा सुर्खियों में रहने वाला महोबा जिला अस्पताल आज फिर अपनी लापरवाही के कारण सुर्खियों में है। आज एक प्रसूता को दर्द के कारण जिला अस्पताल लाया गया तो अस्पताल के लापरवाह रवैये के चलते प्रसूता ने जिला अस्पताल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं बद से बदतर होती जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ो का बजट किस तरह से ठिकाने लगाया जाता है इसका ताजा उदाहरण महोबा में देखने को मिला जहा प्रसूता को न ही एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई न ही समय पर उसको उपचार दिया गया ये उस प्रसूता का भाग्य ही अच्छा है कि उसने सकुशल बच्चे को सड़क पर जन्म दिया और फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित है।
मामला महोबा जनपद के महिला जिला अस्पताल का है जहाँ श्रीनगर कस्बे से एक प्रसूता 22 वर्षीय रामदेवी कुशवाहा को दर्द उठा तो प्रसूता के परिजन उसको जिला अस्पताल एक टेम्पो में लेकर लाये अस्पताल के गेट पर प्रसूता का पति अस्पताल कर्मियों से महिला को भर्ती करने स्ट्रेचर लाने की विनती करता रहा लेकिन अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उसे स्ट्रेचर तो क्या पास आकर देखने तक कि जेहमत तक नही की। तब प्रसूता के पति, सास और राहगीरों द्वारा महिला को सड़क पर लिटाया गया और एक चादर से घेरकर उसकी डिलेवरी करवाई गई। इसी बीच मीडिया के दखल के बाद स्वास्थ्य महकमा जागा और महिला और उसके नवजात बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस लापरवाही के बाद स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार सीएमएस अपना पल्ला झाड़ते नजर आए ।
प्रसूता के पति जानकी कुशवाहा कहते है कि हमारी कोई सुनवाई नही हुई। अस्पताल स्टाफ से कहते रहे लेकिन किसी के कान पर जूं तक नही रेंगी । वही महिला जिला अस्पताल के सीएमएस अपना पल्ला झाड़ते हुए कहते है कि इसमें हम लोगो का कोई दोष नही है यह लोग लेट अस्पताल आये इसलिए बाहर डिलेवरी हो गई ।
(रिपोर्ट-भानु सिंह, महोबा)