बीरभूम हिंसा में एक परिवार के आठ सदस्यों को जिंदा जलाकर मार दिया गया। इस जघन्य घटना के बाद से सियासी गलियारे में हलचल भी तेज़ हो गई है। दरअसल, बीरभूम ज़िले के बोगटुई गांव का जहां टीएमसी नेता की हत्या के बाद गुस्साए समर्थकों ने 1 दर्जन घरों पर पेट्रोल बम फेंक कर आग के हवाले कर दिया। इस घटना में करीब एक ही परिवार के करीब आठ सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में बताया गया है कि बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में नरसंहार से पहले तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को बुरी तरह पीटा गया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में आठ लोगों को ज़िंदा जला देने के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस से जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगी है।
क्या है इस घटना की वजह:
बता दें कि बंगाल में यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की कथित तौर पर हत्या होने के कुछ ही घंटों के बाद हुई। बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को करीब एक दर्जन मकानों में आग के हवाले कर दिया गया। वहीं इस घटना में दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा के लिए भाजपा ने राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘‘गुंडों’’ को जिम्मेदार बताया है। वहीं इस घटना के संदर्भ में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने संसद पहुंचा है।
ममता ने हमले को बताया साजिश:
दरअसल बंगाल की सीएम ममता बनर्जी गुरुवार को बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में हुए हिंसा में जान गवाने वाले परिजनों से मिलने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि पुलिस की तैनाती में इजाफा कर दिया गया है। हो सकता है कुछ लोग उन पर हमला करने के लिए बाहरी लोगों को लेकर आ सकते हैं। इस पूरेन घटना में बाहरी साजिश नजर आ रही है।
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