कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों में चार के आश्रितों को जल्द ही पुलिस महकमे में नौकरी मिलेगी। आश्रित परिजन के आदेवन करने के बाद अब दस्तावेजों का सत्यापन अंतिम चरण में हैं। वहीं दो आवेदकों ने अफसरों से स्वास्थ्य ठीक न होने पर अभी मोहलत मांगी है।
हिस्ट्रीशीटर विकास ने पुलिस टीम पर चलवाई थी गोली
गौरतबल है कि दो जुलाई की रात चौबेपुर के बिकरू गांव में दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास व उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
इस हत्याकांड में बिल्हौर के तत्कालीन सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र, शिवराजपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी महेश चंद्र, मंधना चौकी के तत्कालीन प्रभारी अनूप कुमार सिंह, दारोगा नेबूलाल और चार सिपाहियों राहुल, सुल्तान सिंह, बबलू कुमार व जितेंद्र शहीद हो गए थे।
घटना के बाद सरकार ने शहीदों के आश्रितों को पुलिस विभाग में नौकरी और आर्थिक सहायता की घोषणा की थी। इसके बाद पीड़ित परिवारों से नौकरी के लिए आवेदन मांगे गए थे।
चार पुसिकर्मियों की पत्नी व एक के भाई ने आवेदन
शहीद चार पुसिकर्मियों की पत्नी व एक के भाई ने आवेदन किया है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक दारोगा अनूप सिंह की पत्नी नीतू, सिपाही राहुल की पत्नी दिव्या, सुल्तान की पत्नी उर्मिला और सिपाही बबलू के भाई उमेश ने ही आवेदन किया है।
अनूप सिंह की पत्नी नीतू और राहुल की पत्नी दिव्या को दौड़ के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देकर वक्त मांग लिया है। सुल्तान की पत्नी उर्मिला और बबलू के भाई उमेश के दस्तावेजों का वैरीफिकेशन चल रहा है।
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