बिजनौर– जिले में शुक्रवार दोपहर हुए नाव हादसे के बाद पुलिस का एक गैर जिम्मेदाराना चेहरा सामने आया है। जिसकी वजह से महिला को अपनी जान गवानी पड़ गई। नाव हादसे में लापता डैबलगढ़ निवासी महिला शनिवार सुबह गंभीर हालत में नदी किनारे बेहोशी मिली।
जिसके बाद परिजन महिला को आनन-फानन में बाइक से डॉक्टर के पास ले जा रहे ही थे कि रास्ते में दरोगा ने परिजनों से पूछताछ शुरु कर दी। उस दौरान परिजन दरोगा के आगे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उसने पूछताछ जारी रखी। यह देख वहां मौजूद ग्रामीण भड़क उठे। जिसके बाद परिजन महिला को पास के चिकित्सालय ले गए।
जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां प्रशासन उनकी मदद करने के बजाए उन्हे परेशान करता है। यदि दरोगा पूछताछ में समय न गवाता तो शायद पीड़ित मीना की जान बजाई जा सकती है।
बता दें कि शुक्रवार को बिजनौर में गंगा नदी में 30 लोगों से भरी एक नाव पलट गई थी। इसमें 2 की मौत हो गई थी, 17 को बचा लिया गया था जबकि 12 लोग लापता थे। डूबने वालों में डैबलगढ़ निवासी महिला मीना भी थी। मीना के परिजन नाव के सहारे उसे ढूंढने में लगे रहे। रात भर पानी में पड़ी रही मीना शनिवार सुबह बदहवास हालत में गंगा पार पड़ी मिली।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिजन उसे नाव से बैराज के नजदीक गंगा के इस ओर लेकर आए तो वहां मौजूद पुलिस व प्रशासन के लोग उसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए एक एम्बुलेंसस तक उपलब्ध नहीं करा पाए।
आरोप है कि दरोगा ने बेमतलब के सवाल जवाब पूछने शुरू कर दिए। ग्रामीणों के कहने पर दरोगा बाइक के सामने से हटा लेकिन डाक्टर के यहां पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया था।