बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद नेताओं का दल बदलने का दौर शुरु हो गया है. इसी सियासी आवाजाही के बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एनडीए के साथ होने का फैसला ले लिया है.
तमाम कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी 3 सितंबर को एनडीए (NDA) में शामिल होंगे. इसकी जानकारी खुद उनके पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने दी है.
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कल होगा ऐलान
दरअसल दानिश रिजवान ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि 3 सितंबर को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बन जाएगा और जीतन राम मांझी इसकी विधिवत घोषणा करेंगे. दानिश ने कहा कि हम एनडीए के हाथ विकास के लिए थामने जा रहे हैं, ऐसे में हमारे लिए सीट शेयरिंग कोई मुद्दा नहीं है.
इससे पहले मंगलवार को जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक मांझी और जेडीयू के बीच एमएलसी की एक सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ था. हालांकि, इस बात के शुरू से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सीट शेयरिंग को सुलझा कर मांझी फिर से अपने पुराने घर में वापस लौटेंगे.
मांझी को आरजेडी के खिलाफ उतारने की तैयारी
वहीं नीतीश कुमार से हुई मुलाकात में जीतन राम ने साफ तौर पर बता दिया है कि वो विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, जबकि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है. नीतीश कुमार चाहते हैं कि जीतन विधानसभा का चुनाव आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी के खिलाफ लड़ें.
गौरतलब है कि 2015 के चुनाव में भी मांझी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. सूत्रों के जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने जीतन राम को चुनाव लड़ने के लिए मना लिया है, आने वाले दिनों में देखना होगा की मांझी के गठबंधन में शामिल होने की घोषणा किस फॉर्मूले के तहत होती है.
10-12 सीटें चाहते हैं मांझी
जीतन राम मांझी के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी बिहार में जेडीयू कोटे की 10-12 सीटों पर अपने उम्मीदवार देगी जिसमें अधिकांश सीटें मगध क्षेत्र का हिस्सा होंंगी. जीतन राम फिलहाल अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं.
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