न्यूज डेस्क — भारत में ढल्ले से बिक रही नकली दवा पर बड़ा खुलासा हुआ है जिस पर भारत सरकार को चिंता करने की जरुरत है।दरअसल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन देशों में शामिल है जहां हर 10 दवा में से 1 दवा नकली है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह फर्जी या घटिया किस्म की दवाओं की शिकायत को कैसे नजरअंदाज किया जाता है।बता दें कि 23 नवंबर को WHO द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 48,218 सैंपलों के 100 अध्ययनों के विश्लेषण में करीब 10.5 फीसदी दवाएं नकली व घटिया किस्म की पाई गई हैं। WHO के अनुसार 2013 के बाद से नकली और घटिया उत्पादों की 1500 रिपोर्टें मिली हैं। इनमें ज्यादातर एंटीमलेरिया और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल थीं।
इस रिरोर्ट से अनुसार माना जा सकता है कि लोग ऐसी दवायों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उनके बीमारी से बचाव और इलाज संभव नहीं है। ऐसे में न सिर्फ लोगों के पैसे से खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि उनके जान पर भी गंभीर बीमारियों का संकट बना रहता है। वही WHO का भी मानना है कि इन फर्जी और खराब किस्म की दवाओं से लोगों की सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। आम तौर पर इसकी मार आबादी के सबसे गरीब और कमजोर हिस्से को ही झेलनी पड़ती है।
डॉक्टर अलग-अलग तरह के इलाज आजमाते रहते हैं, जबकि जरूरत उन्हीं दवाओं की पर्याप्त डोज सुनिश्चित करने की होती है। मरीज कभी पर्याप्त दवा न मिलने की वजह से तो कभी खराब क्वॉलिटी के प्रॉडक्ट के चलते जान गंवा बैठते हैं।वही रिपोर्ट में इस समस्या का सबसे बड़ा कारण ग्लोबलाइजेशन को बताया गया है। उन्होंने कहा कि फर्जी दवाओं का उत्पादन कहीं और होता है और पैकेजिंग किसी और देश में होती है और फिर किसी अलग देश में इसका वितरण होता है, इसलिए इसकी बिक्री पर रोक लगाना मुश्किल होता जा रहा है।