लखनऊ — राजधानी लखनऊ में 2016 के दौरान बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह व सूबे की मंत्री स्वाति सिहं की बेटी के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम केस से बाहर कर दिया है. कारण ये है कि प्रदर्शन के दौरान वह मौजूद नहीं थीं.
वहीं पुलिस ने पूर्व बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, मेवालाल गौतम और नौशाद अली के खिलाफ आरोप तय किए हैं.आरोपों के अनुसार इन लोगों पर जातीय उन्माद फैलाने, गाली गलौज, धमकी देने एवं पॉक्सो के तहत चार्जशीट लगाई गई है.
बता दें कि दयाशंकर सिंह की मां की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में 22 जुलाई 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी.इनके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर सहित अन्य आरोपितों पर तहरीर के आधार पर षडयंत्र, ऐसा कृत्य जिससे दो संप्रदायों अथवा जातियों के लोगों के बीच विद्वेष पैदा हो, ऐसा कृत्य जिससे किसी महिला के मान-सम्मान को हानि हो, गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने की एफआइआर दर्ज की गई थी.
दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह और बेटी के खिलाफ की गई अश्लील टिप्पणी के मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने विधिक सलाह ली थी. पुलिस ने आरोपितों द्वारा प्रयोग किया गया ‘पेश करो’ शब्द की समीक्षा की थी. पुलिस ने विशेषज्ञों से राय ली थी कि यह शब्द किस श्रेणी में आता है. विधिक राय के बाद मुकदमे में पॉक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई गई थी.दरअसल मायावती पर अशोभनीय टिप्पणी के मामले में 20 जुलाई की रात मेवालाल गौतम की तहरीर पर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी.