नोएडा प्राधिकरण में 2007 से लेकर 2011 के बीच तैनात रहेइनमें मुख्य कार्यपालक अधिकारी से लेकर ओएसडी तक के अफसर शामिल हैंगल तरीके से जमीन आवंटन से लेकर संपत्ति मार्गेज सहित कई अनियमितताएं सामने आई हैं.
आम्रपाली बिल्डर पर गाज गिरने के बाद अब उसे प्रश्रय देने वाले विकास प्राधिकरण के अफसरों की बारी आ गई है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने इस सप्ताह कई अफसरों पर कार्रवाई की है। अब नोएडा विकास प्राधिकरण आम्रपाली बिल्डर को नियम-कायदे दरकिनार कर फायदा पहुंचाने वाले अफसरों पर कार्रवाई करने वाला है। आम्रपाली बिल्डर पर मेहरबानी करने वाले नोएडा प्राधिकरण के 22 अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी है।
नोएडा विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक ये अधिकारी वर्ष 2007 से लेकर 2011 के बीच में नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत रहे हैं। इसी दौरान आमप्राली समूह को कई परियोजनाओं के लिए जमीन का आवंटन किया गया। इन अधिकारियों में डेस्क ऑफीसर से लेकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी और विशेष कार्य अधिकारी तक शामिल हैं।
दोषी पाए गए 22 में से 12 अधिकारी सरकार ने तैनात किए थेे-
प्राधिकरण अफसरों ने बताया कि घोटाले में दोषी पाए गए 22 अधिकारियों में से 12 अधिकारी प्रदेश सरकार की ओर से नियुक्त किए गए थे। इनमें सीईओ, वित्त नियंत्रक, ओएसडी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा प्राधिकरण के 9 अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें सहायक महाप्रबंधक, डेस्क ऑफीसर, डीलिंग सहायक और इनसे नीचे पद पर कार्यरत रहे अधिकारी शामिल हैं। बचे एक अधिकारी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार की ओर से तैनात किए गए कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
इन अफसरों पर ये आरोप हैं-
इन अफसरों ने आम्रपाली समूह की वित्तीय स्थिति देखे बिना एक के बाद एक कई ग्रुप हाऊसिंग भूखंड आवंटित किए। एक ही संपत्ति को बार-बार मार्गेंज करने की अनुमति दी गई। जो बिल्कुल गलत है। आवंटन के वक्त कुल कीमत के मुकाबले जमा राशि 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत की गई।जमीन आवंटन करने के बाद बकाया वसूली के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए हैं। इस मेहरबानी के बदले अधिकारियों और कर्मचारियों को बिल्डर ने काफी महंगे गिफ्ट भी दिए। कई अधिकारियों के रिश्तेदारों-परिचितों को काफी कम रेट पर फ्लैट दिए गए हैं।