उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां बर्फीले तूफान में फंसे 10 पर्वतारोही की मौत हो गई। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रिंसिपल कर्नल बिष्ट ने बताया कि हिमस्खलन में फंसे 28 में से 10 के शव बरामद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि अब भी वहां 20 पर्वतारोही फंसे हुए हैं। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवान एक्टिव हो गए हैं और तेजी से राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
पर्वतारोहण अभियान में फंसे कुल 40 लोग:
रिपोर्ट के मुताबिक, पर्वतारोहण अभियान में कुल 40 लोग थे और 33 प्रशिक्षु जबकि 7 प्रशिक्षक थे। दरअसल, अचानक आए तूफान और हिमस्खलन से ये सभी पर्वतारोहण वही फंस गए। हालांकि अभी तक 3 प्रशिक्षु और 17 प्रशिक्षकों सहित 20 को रेस्क्यू कर लिया गया है। इसके अलावा राहत और बचाव कार्य के लिए वायुसेना ने अपने दो चीता हेलिकॉप्टर को लगाया गया है। कुछ हेलिकॉप्टर को फिलहाल स्टैंड बाई मोड पर रखा गया है, जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी इस हादसे की पुष्टि की है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री से बात कर सेना की मदद मांगी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुःख:
द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर हुए हादसे में कुछ पर्वतारोहियों की मौत पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ। अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
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