मथुरा– राष्ट्रीय पक्षी मोर का यूपी में धड़ल्ले से शिकार हो रहा है लेकिन इस पर प्रशासन चुप्पी साधे हुए है, कई मामले सामने आते हुए भी पुलिस अभियुक्तों को पकड़ नहीं पा रही है। जिससे पुलिस इन शिकारियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है। ताजा मामला यूपी के कन्नौज का है जहां मोर की दयनीय स्थिति देखी गई।
सदर कोतवाली अंतर्गत तलैया चौकी क्षेत्र के रहने वाले मयंक अग्निहोत्री ने पुलिस को सूचना दी कि उनके बाग में मुजनबीन नाम का एक शख्स अपने अन्य साथियों के साथ मोर का शिकार कर रहा है। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शिकार में घायल हुए मोर को बरामद कर लिया और एक शिकारी को भी मौके से पकड़ा लेकिन उसके बाद छोड़ दिया। मोर को इलाज के लिए भेज दिया गया जहां इलाज के बाद मोर की मौत हो गई। पुलिस ने नामजद अभियुक्त मुजनबीन और उसके दो अज्ञात साथियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि पुलिस अभी तक एक भी अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सरकार भले ही वन्य जीवों के संरक्षण की बात करती हो और वन्य जीवों को संरक्षित करने की कई योजना चला रही हो लेकिन मथुरा से भी हैरान करने वाली तस्वीरे सामने आई हैं, जंहा वन्य विभाग और प्रशासन की लापरवाही से करीब 16 राष्ट्रीय पक्षी मोर की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत हो गई। इतने मोरों की मौत की खबर सुनकर पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और मौके पर वन विभाग के साथ पुलिस भी पंहुच गई। मथुरा के थाना वृंदावन कोतवाली इलाके के छटीकरा गरुण गोविंद मंदिर के पास स्थित नाले के निकट 16 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत से पूरे इलाके मे हड़कंप मच गया। वहीं वन विभाग और पुलिस की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर छानबीन शुरू कर दी है। मोरों की मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भी जांच की बात कर अपना पल्ला-झाड़ लिया है और जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रही है। मथुरा मे मोरों की मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार अलग-अलग स्थानों पर मोरों की संदिग्ध मौत हो चुकी है। अब देखना ये होगा कि वन विभाग और प्रशासन एक साथ हुई इतने मोरों की मौत को कितनी गंभीरता से लेता है और आगे क्या कार्रवाई करता है?
रिपोर्ट – सुरेश सैनी , मथुरा