कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बड़ा ऐलान किया है. पुलिस कमिश्नर ने सड़कों पर भीख मांगने वाले मासूम बच्चों को चौराहों से हटाकर स्कूल की राह पर भेजने का बीड़ा उठाया है.
वहीं इन मासूमों की पढ़ाई छुड़वा कर उनसे भीख मंगवाने वाले अभिभावकों और तथाकथित ठेकेदारों की सूची मांगी है. जिसके बाद से कानपुर में 300 से ज्यादा ऐसे बच्चे चयनित किए गए हैं, जिनसे जबरन भीख मंगवाने का काम कराया जा रहा है.
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चौराहों पर भीख मांग रहे मासूमों की होगी फोटोग्राफी
वहीं पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने डीसीपी एडिशनल डीसीपी और एसीपी को निर्देश दिए हैं कि चौराहों पर भीख मांग रहे मासूमों की फोटोग्राफी कराएं. उन्हें बाल सुधार गृह या सामाजिक संगठनों की देखरेख में दें, ताकि इन्हें बेवजह सड़कों पर न भटकना पड़े. इससे जहां एक और अपराध पर अंकुश लगेगा तो वहीं इन नौनिहालों के जीवन में भी सुधार आएगा.
कमिश्नर असीम अरुण ने बताया बच्चे हमारे देश का भविष्य होते हैं. लेकिन कानपुर शहर के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल पर इन्ही बच्चों को भीख मांगते हुए भी देखा जा सकता है. ऐसे में अब कानपुर पुलिस ने भीख मंगवाने वाले लोगों पर नकेल कसने और गैंगस्टर तक की कार्रवाई करने का फरमान सुनाया है.
भीख मांगने वाले बच्चों भेजा जाएगा बाल गृह
दरअसल अब पुलिस ने बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा उनके हाथ में कटोरा थमाने वालों को सबक सिखाने का मन बना लिया है. वहीं भीख मांगने वाले बच्चों को राजकीय बाल गृह भेजा जा रहा है.
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