कुख्यात विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भी इस केस में रोज नए नए खुलासे होते जा रहे हैँ। उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर में हुए बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई के सम्पर्क में रहने वाले 3 सब इंस्फेक्टर्स को भारी पड़ गए।
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वहीं आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने मुठभेड़ में मारे गए आरोपी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई के साथ 3 पुलिसकर्मियों के संबंधों की जानकारी होने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल बिकरू कांड के बाद से पुलिस लग रहे आरोपों से धूमिल हुई छवि को सुधारने के लिए कुछ दिन पहले ही आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने कड़े निर्देश देते हुए कहा था कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी अपराधी से ना तो कोई संबंध रखें और ना ही उनके कार्यक्रमों में जाए अगर ऐसा करते हुए कोई भी पुलिसकर्मी पाया जाता है तो उस पर विभागीय कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी।
इसी दौरान आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल को सूचना मिली की अपराधी विकास दुबे के खजांची जय कांत बाजपेई के ब्रह्म नगर में बने हुए मकान में उप निरीक्षक राजकुमार, उप निरीक्षक उस्मान अली और उप निरीक्षक खालिद रहे हैं। इस मकान का विवाद कानपुर विकास प्राधिकरण में भी लंबित है।
छापेमारी में हुआ खुलासा…
इसके बाद आईजी कानपुर में क्षेत्राधिकारी नजीराबाद श्रीमती गीतांजलि के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी के आदेश दिए आई जी के आदेश पर गठित टीम ने छापेमारी की तो तीनों ही उपनिरीक्षक जय कांत बाजपेई के विवादित मकान में रहते हुए पाए गए। इसके बाद आईजी कानपुर में तत्काल प्रभाव से तीनों ही उपनिरीक्षक को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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