बीएचयू आईएमएस (BHU IMS) के एक MBBS छात्र ने आध्यात्म की राह पर आगे बढ़ते हुए गंगा में जल समाधि लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी. बिहार के रहने वाले एमबीबीएस छात्र नवनीत पराशर ने ऐसा किया है. बीती 8 जून से लापता नवनीत पराशर का शव मिर्जापुर के विंध्यवासिनी दरबार के पास गंगा में उतराता मिला.
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वहीं वाराणसी के लंका थाना पुलिस ने जब पूरे मामले की तफ्तीश की तो ये तथ्य सामने आया. लंका थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जांच के बाद प्रथम दृष्टया यही तथ्य सामने आया है कि नवनीत का जीवन आध्यात्म की ओर पूरी तरह से मुड़ गया था, जिसके बाद उसने ये कदम उठाया. किसी से कोई गिला कोई शिकवा नहीं.
नवनीत ने नारियल और सिंदूर खरीदा था
पुलिस का कहना है कि नवनीत के दोस्तों, परिजनों और उसे जानने वालों से बात चीत की गई। कमरा भी चेक किया गया था. बीएचयू के धन्वंतरि हॉस्टल का कमरा छोड़ने से पहले नवनीत अपने दोस्तों से बातचीत बंद कर दिया था. विंध्याचल में लगे सीसी कैमरों की फुटेज के अनुसार नवनीत ने नारियल और सिंदूर खरीदा था.
इसके बाद उसने गंगा स्नान किया और फिर बाहर आकर पूजा-पाठ की. इसके बाद जिस पंडा से उसकी अंतिम बार बात चीत हुई, उसको दक्षिणा में अपनी बाइक की चाबी सौंप दी. उसके बाद पैर में लगी मिट्टी को साफ करने की बात कहकर वो गंगा की ओर चल पड़ा लेकिन उसक बाद वो नहीं लौटा.
मोक्षदायिनी है काशी…
गौरतलब है कि शिवनगरी काशी को पूरी दुनिया में मोक्षदायिनी काशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि यहां यमराज का शासन नहीं चलता. यहां प्राण त्यागने वालों को खुद भगवान शिव तारक मंत्र प्रदान करते हैं. मणिकर्णिका घाट में कभी चिताओं की आग शांत नहीं होती. शायद इसीलिए यहां हर साल न जाने कितने लोग मोक्ष की तलाश में आते हैं.
इसीलिए गंगा किनारे कई मठ और मंदिरों में बुजुर्ग यहां मरने की इच्छा से मोक्ष की चाह में जिंदगी बिताते हैं. आध्यात्म से जुड़े मोक्ष के इस गूढ़ रहस्य को विज्ञान नहीं मानता. लेकिन इस बार बनारस में जो हुआ है, उसने सभी को चौंका दिया.
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