वाराणसी — काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) कैंपस में सोमवार रात को हुए छात्रों और डॉक्टरों के विवाद में 24 घंटे के अंदर पांच हॉस्टलों को खाली कराने का फरमान जारी किया गया है।
उधर आज सुबह पीएसी , कई थानों की फ़ोर्स, पैरा मिलिट्री फोर्स, दो मजिस्ट्रेट समेत कई थानों के इंस्पेक्टर राउंड पर हैं। रात दो बजे डीएम सुरेंद्र सिंह ने किसी तरह धरने पर बैठे छात्रों का धरना खत्म कराया। इस बीच, 28 तारीख तक यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक कार्य नहीं होने का निर्णय लिया गया है।
वहीं चीफ प्रॉक्टर रोयना सिंह ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास, बिरला छात्रावास,रूईया (मेडिकल ब्लाक), रूईया एनेक्सी और धनवन्तरि छात्रावास को खाली कराए जाने निर्देश हैं। डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कैंपस में माहौल को सुधारने के लिए लगातार छात्रों और डॉक्टरों से संवाद किया जा रहा है। इसके साथ ही उपद्रवियों को चिंहित भी किया जा रहा है।
सामान बटोर निकल रहे बाहर
दरअसल जिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह के समझाने पर छात्रों ने धरना तो खत्म कर दिया, लेकिन अभी भी कैंपस में तनावपूर्ण शांति देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि आज पुलिस फोर्स उन सभी हॉस्टल्स में दाखिल हुई है, जिनको बीएचयू प्रशासन ने खाली करने के आदेश दिए हैं। इन सभी हॉस्टल्स को खाली करने के लिए पुलिस के साथ भी बीएचयू प्रशासन लगा हुआ है और इन हॉस्टल में रहने वाले हजारों छात्र अपना सामान बटोरकर कैंपस के बाहर किसी किराए के कमरे या फिर किसी रिश्तेदार के यहां जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बेकसूर बने निशाना
इस दौरान जब छात्रों से बात की तो उनका कहना था कि इस पूरे मसले पर बीएचयू प्रशासन पूरी रूप से जिम्मेदार है। बेवजह छात्रों को पीटा जाना इतने बड़े हंगामे की वजह बन गया। उसके बाद भी कार्यवाही उन छात्रों के खिलाफ हो रही है, जिनकी इस मामले में कोई लेना देना ही नहीं है, जो हंगामा करने वाले छात्र हैं वो अब भी पकड़ से दूर हैं और जो बेकसूर थे उनको इसका खामियाजा हॉस्टल खाली करके भुगतना पड़ रहा है।फिलहाल विद्यालय में 28 सितंबर तक शिक्षण कार्य नहीं होगा।