राजधानी में मंत्रालय के सामने स्थित प्रदेश सरकार के दर्जनों विभागों वाले सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम चार बजे के बाद भीषण आग लग गई। आग सतपुड़ा भवन (Satpura Building Fire:) के तीसरी मंजिल पर स्थित अनुसूचित जनजाति विभाग के आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के कार्यालय से शुरू हुई। जानकारी के अनुसार आग एक एसी के कंप्रेशर के फटने से शुरू हुई, लेकिन बहुत तेजी से तीसरी मंजिल स्थित अजजा के कार्यालय को अपनी चपेट में ले लिया।
जब आग लगी, तेज हवा चल रही थी, जिसकी कारण आग बहुत तेजी से तीसरी मंजिल को चपेट में लेने के बाद चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल को भी अपनी चपेट में लिया है। भीषण आग से सतपुड़ा भवन के तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल में स्थित अजजा के साथ परिवहन और स्वास्थ्य संचालय के कार्यालय पूरी तरह से जलकर खाक हो गए हैं।
सतपुड़ा भवन (Satpura Building Fire:) के हर मंजिल पर भारी मात्रा में लकड़ी के बने पुराने फर्नीचर और अनुपयोगी दस्तावेज भी रखे हुए थे, जिसके कारण आग बहुत तेजी से फैलती चली गई। बहुमंजिला इमारत होने के कारण शुरुआत में सतपुड़ा भवन में आग बुझाने के प्रयास पूरी तरह से नाकाफी साबित हुए। इसके बाद नगर निगम और पुलिस की दमकालें ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक आग चौथी, पांचवीं मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया।
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आग ने लिया भीषण रूप
सतपुड़ा भवन (Satpura Building Fire:) में करीब डेढ़ दर्जन विभागों के संचालनालय और कार्यालय हैं। हर कार्यालय में एसी लगा हुआ है। आग भड़कने के बाद एसी के कंप्रेशर में प्रेशर से ब्लॉस्ट होते गए और आग विकराल रूप लेती चली गई। आग बुझाने के लिए सीढ़ियों के सहारे ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंचा जा सका, जिससे और समय लगा। आग के विकराल रूप लेने के बाद भेल, एयरपोर्ट, आईओसीएल, बीपीसीएल के साथ मंडीदीप स्थित फैक्ट्रियों, औबेदुल्लागंज के पास स्थित वर्धमान फैक्ट्री, रायसेन, विदिशा और इंदौर से बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने वाली दो दमकलों को बुलाया गया।
आग बुझाने के लिए लेनी पड़ी सेना की मदद
रात में आग काबू में नहीं आने की स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और सेना की मदद मांगी। इसके बाद भोपाल से सेना के अधिकारी दमकल के साथ सतपुड़ा भवन पहुंचे और मोर्चा संभाला। देर रात वायुसेना के अधिकारी भी सतपुड़ा भवन पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की।
इसके बाद वायुसेना के एएन-32 विमान और एमआई-15 हेलीकाप्टर आग बुझाने के लिए दिल्ली से भोपाल भेजने का निर्णय लिया गया। देर रात एक बजे तक विमान भोपाल नहीं पहुंचे थे। वायुसेना के विमान और हेलीकॉप्टर ऊपर से पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास करेंगे। वायुसेना के विमानों के आने के कारण भोपाल एयरपोर्ट रात भर खुला रहेगा।
आग बुझाने के लिए आधा सैकड़ा दमकलों को लगाया गया था, सेना के जवानों के साथ सीआईएसएफ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को भी आग बुझाने में लगाया गया था, पूरे सतपुड़ा भवन के कार्यालयों में अंदर कम्प्यूटर, प्रिंटर, एसी, फ्रीज, फर्नीचर और भारी मात्रा में कागज, फाइलें रखे होने से आग बुझती और फिर कुछ देर बाद भड़क उठती। जहां से आग बुझाकर बचावकर्मी आगे बढ़ते कुछ देर में फिर वहां आग सुलगने लगती।
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