श्रावस्ती–सोहेलवा व भिनगा जंगल से सटे तराई के गांव में आतंक का पर्याय बना आदम खोर तेंदुआ शुक्रवार रात आखिरकार पिंजड़े में कैद हो गया।इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए विभूति नाथ मंदिर सहित कई अन्य स्थानों पर पिंजड़ा लगाकर वन विभाग द्वारा करीब दो माह से उसका इंतज़ार किया जा रहा था।
इंडो नेपाल सीमा से सटे सोहेलवा जंगल व भिनगा जंगल के मध्य बसे सिरसिया विकास क्षेत्र सहित बलरामपुर जिले के कई गांव में विगत तीन माह से आदमखोर तेंदुए का आतंक व्याप्त था। जिसके द्वारा आये दिन किसी न किसी को अपना निवाला बनाया जा रहा था। लगातार घटनाओं को देखते हुए वन विभाग द्वारा सिरसिया थाना क्षेत्र के विभूति नाथ मंदिर, बालू घोलिया, धर्मनतापुर सहित कई अन्य स्थानों पर तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा रखवाया गया था। जिसकी वन कर्मियों द्वारा पूरी रात निगरानी की जा रही थी। इसके बावजूद तेन्दुआ पकड़ में नही आ रहा था। जिससे क्षेत्रवासियों में दहशत व्याप्त थी।
शुक्रवार रात सिरसिया के बालू गांव में रखवाए गए पिंजड़े में बंधे जानवर को खाने के लिए तेन्दुआ पिंजड़े में चला गया। जिसे देख वन कर्मियों द्वारा पिंजड़ा बंद कर दिया गया। आदमखोर तेंदुआ के कैद होने के बाद जहां वन कर्मियों ने राहत की सांस ली है ।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, श्रावस्ती)