बहराइच–भौली गांव में अपात्रों को रेवड़ियों की तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास बांट दिए गए। परियोजना निदेशक ने शिकायत के बाद बीडीओ से जांच कराई। जिसमें 12 अपात्रों को आवास देने की पुष्टि हुई।
इनके खातों में आवास की रकम भी प्रधान और सेक्रेटरी ने भेजवा दी थी। परियोजना निदेशक के निर्देश पर बीडीओ ने ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ करीब 12 धाराओं में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। विकास खंड जरवल अंतर्गत ग्राम पंचायत भौली में प्रधानमंत्री आवास दिए जाने में जमकर धांधली बरती गई है। गांव निवासी ननकू वर्मा पुत्र सत्रोहन वर्मा ने परियोजना निदेशक को पत्र देकर आवास योजना में घोटाले की शिकायत की थी। पक्के मकान वालों को आवास दिए जाने की शिकायत करते हुए मामले की जांच की मांग की गई थी।
शिकायत मिलने के बाद परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंह ने खंड विकास अधिकारी आशाराम वर्मा से पूरे मामले की जांच करायी। बीडीओ ने मौके पर जाकर जांच की। जिसमें गांव निवासी प्रकाशराम, कन्हैया, बुधराम, कैलाश, अनीता देवी, जवाहिर, निर्मल कुमार, सुरेश चंद, प्रकाश चंद, रमाशंकर, रामसयोजन और सोनी को पक्का मकान होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने की पुष्टि हुई। गांव के करीब 18 लोगों को आवास दिया गया था। जिसमें से 12 लोग अपात्र मिले।
बीडीओ ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट परियोजना निदेशक को सौंपी थी। परियोजना निदेशक के निर्देश पर बीडीओ ने बुधवार को कैसरगंज थाने में ग्राम प्रधान अंबिका प्रसाद वर्मा और ग्राम पंचायत अधिकारी अरुण कुमार वर्मा के खिलाफ तहरीर दी। प्रभारी निरीक्षक कैसरगंज संजय सिंह ने बताया कि बीडीओ की तहरीर पर ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ सरकारी धन के गबन, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत 12 धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
बाहर रहने व आवास पाने वाले भी हुए पात्रः
ग्राम प्रधान अंबिका वर्मा और सेक्रेटरी अरुण वर्मा के द्वारा जिन अपात्रों को आवास दिया गया है। उसमें अनीता देवी पत्नी राममिलन को पूर्व में भी इंदिरा आवास योजना के तहत आवास मिल चुका था। जबकि राम संयोजन का कैसरगंज में पक्का मकान है और सोनी गांव के बाहर रहती हैं। ऐसे में पूरी योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)