महोबा — बुंदेलखंड के महोबा जिले में इन दिनों आई. पी. एल.(IPL) में सट्टा लगाने की युवाओं में होड़ सी मची हुई है। महोबा शहर के साथ-साथ महोबा जिले के ग्रामीण इलाकों में भी युवाओं में सट्टा लगाने की चाह बढ़ती जा रही है।
जैसे जैसे मैचों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है वैसे युवा अपनी चाहत को पूरा करने के चक्कर में अपना सब कुछ गवा बैठते हैं क्योंकि सट्टे की लत जिस युवा को लग जाती है वह युवा बुरी तरीके से बर्बाद हो जाता है या फिर वह जुर्म की ओर जाने को विवश हो जाता है। युवाओं में अब बढ़ता सट्टे का शौक युवाओं को बर्बादी की और ले जा रहा है। वही जिले की पुलिस सट्टा बाजो को पकड़ने में अपने को नाकाम महसूस कर रही है क्योंकि सट्टेबाजों के तार कुछ सफेदपोशधारियों से भी जुड़े है। यह सट्टे का धंधा खुलकर संचालित कर रहे हैं और आई. पी. एल.(IPL) के होने वाले मैचों में हर गेंद पर सट्टा लगा कर युवाओं को लाखों के सपने दिखाकर सटोरिया लूटने में लगे हुए है।
वही सूत्र बताते हैं कि जिले में कम से कम 30 दुकाने ऐसी खुली है जो सट्टे को खिलाने का काम करती है। महोबा शहर मे 3 ऐसी दुकाने है जो करोड़ों रुपए का सट्टा लगाने का काम करती है और रोज इन दुकानों में कई करोड़ों का सट्टा लगाया जा रहा है। युवा वर्ग अमीर बनने की चाहत पर इन सट्टेबाजों की गद्दी पर फोन के माध्यम से संपर्क कर अपना पैसा किस टाइम पर लगाना है या किस खिलाड़ी के ऊपर लगाना है। यह खेलने वाला युवा अपनी बात को फोन पर बताता है और सट्टा लगाता है।
वही आपको हम बता दें कि यह सट्टेबाज इतने ईमानदार होते हैं कि फोन की लोकेशन के हिसाब से पैसा लेने उसी स्थान पर पहुंच जाते हैं और दांव लगने के बाद अगर सट्टे पर खिलाड़ी ने अपना मनपसंद खेल जीत लिया तो वह सट्टेबाज जीती हुई रकम युवा के पास उसी स्थान पर पहुंचा देते हैं। वही आई. पी. एल. (IPL) मैच प्रारंभ होते ही महोबा जिले के -साथ साथ श्रीनगर बेलाताल पनवाड़ी चरखारी कुलपहाड़ कबरई जैसे कस्बों में दिन भर मजदूरी करके माता-पिता घर का भरण-पोषण करते है एंव उनके बच्चे बिना मां पिता को बताये छोरी छिपे सट्टे का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी इन दिनो सटोरिया सक्रिय है ।
(रिपोर्ट – तेजप्रताप सिंह,महोबा )