पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बड़े पैमाने पर हिंसा और हत्याओं के बीच आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat violence) खत्म हो गया है। इसे 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा। आज 22 जिला परिषदों में लगभग 928 सीटों, 9730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए लगभग 5.67 करोड़ लोग वोट डाल रहे हैं. वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। चुनाव से पहले हुई हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं।
अब तक 15 लोगों की गई जान
बता दें कि पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव (Bengal Panchayat violence) के लिए सुबह 07 बजे मतदान शुरू होने के से अब तक 15 लोगों की हत्या कर दी गई। जान गंवाने वालों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पांच और भाजपा एवं माकपा के एक-एक कार्यकर्ता हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने तीन लोगों के मरने की पुष्टि की है। ये तीनों तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। इसके अलावा राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर हुई हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं। इनमें तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, कांग्रेस, इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) और अन्य दलों के कार्यकर्ता हैं।
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स्थानीय सूत्रों के मुताबिक पूर्व बर्दवान जिले के ग्राम आऊस में माकपा कार्यकर्ता को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि नदिया के चोपड़ा में तृणमूल कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा थाना अंतर्गत कपासडांगा षष्टीतला में सुबह के समय से ही तनाव शुरू हो गया था। तृणमूल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के बाद गोलीबारी हुई जिसमें बाबर अली नाम के 40 वर्षीय तृणमूल कार्यकर्ता की मौत हो गई।
फूलचंद शेख नाम का एक और तृणमूल कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल है। रेजीनगर थाना क्षेत्र के नजीरपुर इलाके में भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता यासीन शेख को मौत के घाट उतारा गया है। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि ये हमले बमों से किए गए। र्शिदाबाद जिले के खड़ग्राम में एक खाली जमीन पर सरिफुदिन शेख का शव बरामद किया गया। वह भी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का ही कार्यकर्ता है। आरोप है कि इन तीनों हत्याओं में माकपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हाथ है।
वोटिंग शुरु होते ही माकपा और तृणमूल कार्यकर्ता भिड़े
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि शनिवार सुबह मतदान शुरू होते ही माकपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं में भी रेजीनगर में हिंसक झड़प शुरू हो गई, जिसमें कम से कम 24 लोग घायल हुए हैं। इसकी वजह से घंटों तक मतदान बंद रहा। इसी तरह से कूचबिहार दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के फालामारी ग्राम पंचायत इलाके में मतदान केंद्र के अंदर बमों से हमला किया गया।
इसमें माधव विश्वास नाम के भाजपा के एक पोलिंग एजेंट की मौत हो गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। भाजपा उम्मीदवार भी जख्मी हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मालदा के मानिकचक गोपालपुर ग्राम पंचायत इलाके में तृणमूल कार्यकर्ता की गोली लगने से मौके पर मौत हो गई। इस हिंसक झड़प में आठ लोग घायल हैं। वहीं हत्या का आरोप कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगा है।
कई जगह हुई हिंसा
भांगड़ के 264 नंबर मतदान केंद्र पर ISF और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प में आईएसएफ के दो कार्यकर्ता गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में भी कांग्रेस का एक कार्यकर्ता गोली लगने से घायल हो गया है। इसके अलावा भी राज्यभर से जगह-जगह हिंसा की खबरें आ रही हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि जिन केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है वे कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
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