इवांका ट्रंप की वापसी होते ही हैदराबाद की सड़कों पर लौटे भिखारी

हैदराबाद– अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप की 28 नवंबर को पहली बार भारत आईं थीं। उनकी यात्रा के कारण हैदराबाद की सड़कों से भिखारियों को हटा दिया गया था। इवांका की यात्रा खत्म होते ही हैदराबाद की सड़कों पर भिखारी भी लौट आ गए हैं।

हैदराबाद में पुलिस ने पिछले महीने भीख मांगने को अपराध की घोषणा की थी और डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी की 28-29 नवंबर की यात्रा के दौरान शहर में भीख मांगने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन एक महीने बाद ही सरकार द्वारा संचालित आश्रयों में, जहां भिखारियों को सड़कों से हटा कर रखा गया था, वो अधिकतर खाली हो गए हैं। भिखारी धीरे-धीरे वहीं लौट रहे हैं जहां से वो आए थे। चेरलापल्ली ओपन एयर-जेल और आनंद आश्रम शेल्टर के अधीक्षक के अर्जुन राव ने कहा, ‘चेरलपल्ली शरण में केवल 10 महिला भिखारी बची हैं। चंचलगुड़ा आश्रय में भी केवल 30 भिखारी बचे हैं। बाकी सभी कुछ समय के भीतर ही आश्रय छोड़ कर चले गए थे। पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने पर रोक लगाने का आदेश 7 जनवरी तक लागू किया गया था। हैदराबाद की सड़कों पर भीख मांगने वाले अधिकतर भिखारी आश्रय से अपने रिश्तेदारों के साथ निकल गए। उन्होंने आश्रय में अंडरटेकिंग दी कि वो फिर से सड़कों पर भीख नहीं मांगेंगे। राव ने कहा कि यदि वही भिखारी फिर से भीख मांगते पकड़े गए, तो उन्हें पुलिस को सौंप दिया जाएगा और उनपर मुकदमा चलाया जाएगा। हैदराबाद पुलिस 25 दिसंबर से भीख मांगने के खिलाफ एक नया अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। एक जेल अधिकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक (जेलों) वीके सिंह ने आदेश दिया है कि भिखारियों की पहचान करने में जो कोई भी मदद करेगा, उसे 500 रुपये पुरस्कार मिलेगा। 

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