सीतापुर — यूपी के सीतापुर जिले में लाखों रुपये खर्च कर विकसित किए गए मॉडल तालाब अपनी रंगत खो रहे हैं। हालत यह है कि तालाब सूख गए हैं । वहीं गर्मी में प्यास बुझाने के लिए पशु-पक्षियों को भटकना पड़ रहा है।
हालांकि सूखे तालाबों में पानी भरवाए जाने की कवायद अभी तक प्रशासन ने शुरू नही की है। महोली तहसील के कुछ गिने-चुने तालाबों में भले ही पानी दिख जाए। लेकिन हकीकत में अधिकतर तालाब सूखे पड़े हैं। जिन तालाबों में पानी की लहरें उठनी चाहिए थी वहां धूल उड़ रही है। तालाब व पोखर और नहरें सूखी होने की वजह से पशु-पक्षियों के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। तपती धूप में बदन झुलसने और गला सूखने पर जब पशु-पक्षी तालाबों का रूख करते हैं तो सूखे पड़े तालाब देख मायूस होते हैं।
इस गंभीर समस्या से पशुपालकों को भी जूझना पड़ रहा है। पशुपालक अपने जानवरों की प्यास बुझाने के लिए हैंडपम्प का सहारा ले रहे हैं। पशुपालकों के मुताबिक बेजुबान मवेशी यह तो बता नहीं सकते कि उन्हें प्यास लगी है। हैंडपंप से उन्हें कितनी बार पानी पिलाएंगे। पशुपालको ने कहा की तालाब भराव के लिए जिला प्रशासन को विशेष कदम उठाने चाहिए भीषण गर्मी के चलते बेजुबान पशु और पक्षियों को कुछ राहत की सांस मिले।
(रिपोर्ट-सुमित बाजपेयी,सीतापुर)