फर्रुखाबाद–भूमि विवाद के चलते शहीद की पत्नी कार्यवाही ना होने से खफा होकर कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गयी| इस दौरान पंहुचे अधिकारियों के सामने भी जमकर हंगामा हुआ|
जिस तिरंगे में लिपट कर उसके शहीद पति का शव आया था उसी कफ़न को ओढ़ कर शहीद की विधवा कचहरी में धरने पर बैठ गयी। तेज धूप में खुले आसमान के नीचे बैठी वीरांगना को अफसरों के पक्षपात रवैये के खिलाफ गांधीवादी रास्ता अख्तियार करना पड़ा। धरने पर बैठी वीरांगना की विवशता उसके आसुओं में छलक रही थी। उसी तिरंगे से कभी वह आंसू पोंछती तो कभी बच्चों को सँभालने की कोशिश करती। शहीद फौजी धीरेन्द्र सिंह की शहादत के बाद उनकी बीवी प्रतिभा सिंह ने फतेहगढ़ के मोहल्ला लोको रोड पर एक मकान बनवाया है। पास ही में बीएसएफ जवान जितेंद्र दीक्षित ने भी प्लॉट खरीद कर भवन निर्माण शुरू किया। दोनों के बीच निकास को लेकर विवाद है। प्रतिभा ने बताया कि स्थगनादेश होने के बाद भी पुलिस और प्रशासन दूसरे पक्ष की मदद कर रहा है। इस पर मजबूरन उसे धरने पर बैठना पड़ा है।
सूचना पर सीओ और फतेहगढ़ कोतवाली के इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मामला उनके कोर्ट में विचाराधीन है।प्रतिभा ने बताया कि चौकी इंचार्ज जातिवाद की बात कर रहे हैं। कोई स्थगनादेश लागू कराने तक का आश्वासन देने को तैयार नहीं है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)