नेपाल सरकार में दूसरी बार लगाया भारतीय नोटों पर प्रतिबंध

बहराइच —  नेपाल सरकार की ओर से शुक्रवार को भारतीय करेंसी के दो सौ पांच सौ व दो हजार के नोट के प्रचलन को अचानक बंद करने से नेपाली कारोबारियों में खलबली मच गयी है। यह प्रतिबंध पहली बार नही है।

1996 में नेपाल में माओवादी हिंसा के दौरान भी पांच सौ व हजार के नोट पर लंबे समय तक प्रतिबंध रहा है। तब  इसकी वजह नकली करेंसी  थी। लेकिन अगर सूत्रों की माने तो इस बार भारतीय करेंसी के पांच सौ व हजार के नेपाल में डंप नोट को भारत की ओर से न लिये जाने के कारण दोबारा नेपाल सरकार की और से भारतीय मुद्रा के चलन पर रोक लगायी गयी है ।

वर्ष 1996 से 2006 का  दशक नेपाल में माओवादी हिंसा के लिए जाना जाता है। इस दौरान पाकिस्तान से नकली पांच सौ व एक हजार के नोटो की खेप नेपाल के रास्ते भारत में आने की वजह  से वहां की सरकार ने इन नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था । 2014 में भारत में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद भारतीय पांच सौ व एक हजार का नोट का प्रचलन फिर शुरु हुआ। भारत व नेपाल के बीच व्यापारिक साझेदारी के सम्बन्ध है। जिले की भारत की सरहद से पार नेपाल का बांके जिला मुख्यालय नेपालगंज वहां का प्रमुख राजनैतिक केन्द्र माना जाता रहा है ।

 वर्ष 2019 में  नेपाल में  पर्यटक वर्ष मनाया जायेगा नेपाल में सर्वाधिक पर्यटक भारत से ही जाते है। नेपालगंज में भारतीय पर्यटकों से रोजाना का कारोबार ही लगभग दो करोड़ के आसपास है। इसके बावजूद नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 2 व 5 सौ, दो हजार के भारतीय नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

इस निर्णय से दोनों देश के व्यापार पर असर पड़ेगा। नेपाल का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होगा। शुक्रवार को नेपाल सरकार के प्रवक्ता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा ने इन नोटों पर प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा कि मंत्री परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है । सरकार ने लोगों से कहा है कि वे भारतीय 200, 500 और 2,000 रुपये के नोट न रखें। इन्हें अमान्य करार दिया जा चुका है। 

भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल में अब भी पुराने एक हजार और पांच सौ के भारतीय नोट पड़े हैं, जिन्हें वापस नहीं लिया गया। केंद्रीय बैंक का कहना है कि उसके पास भारत के तकरीबन आठ करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट हैं। विदेशी विनिमय व्यस्थापन विभाग के कार्यकारी निदेशक भीष्मराज ढुंगाना ने बीते सितंबर में कहा था कि भारत अपने पुराने नोट को नही बदल रहा है । 

अगर सूत्रों की माने तो नेपाल सरकार ने भारतीय नोटों को न बदलने के कारण दबाव बनाने के लिये  दो सौ , पांच सौ व दो हजार के नोटों को अमान्य करने का फैसला लिया है । 

(रिपोेर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)

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