यूपी के बलिया जिले के रतन सिंह हत्याकांड में मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। पत्रकार रतन सिंह का शव पोस्टमॉर्टम के बाद घर लाया गया। इसके बाद मुआवजे को लेकर पत्रकारों ने नैशनल हाइवे-31 जाम कर दिया। मीडियाकर्मियों ने एक करोड़ रुपये के साथ रतन की पत्नी को नौकरी देने की मांग रखी।
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10 लाख रुपये की मिलेगी आर्थिक मदद
वहीं हंगामे की सूचना मिलते ही पहुंचे एडीएम राम आसरे ने परिवारवालों से कहा कि मृतक पत्रकार की पत्नी को संविदा पर नौकरी दी जाएगी और मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा।
यही नहीं, कृषि दुर्घटना बीमा के तहत 5 लाख रुपये तत्काल देने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि संविदा की नौकरी को जल्द स्थायी कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग या अन्य किसी विभाग में विभागीय प्रक्रिया पूरा कर तत्काल नौकरी दी जाएगी।
दरोगा समेत 3 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
वहीं यूपी के बलिया जिले में पत्रकार रतन सिंह हत्याकांड में लापरवाही बरतने और परिजनों की शिकायत पर थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद पुलिस अधीक्षक ने दूसरी बड़ी कार्यवाई करते हुए घटना वाले बिट के दरोगा समेत 3 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है । पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ की इस कार्यवाई से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है ।
गौरतलब है कि बीती 24 तारीख की रात पत्रकार रतन सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक ने फेफना थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था। यही नहीं पुलिस ने 10 आरोपियों में से अभी तक सिर्फ 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था । हालांकि अभी भी 4 आरोपी पुलिस के पहुंच से कोसों दूर है।
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(रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी, बलिया)