बलिया गोलीकांड में मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह अभी पुलिस की पहुंच से दूर है, जिसे पकड़ने के लिए दर्जन भर पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। इस बीच फैसला लिया गया है कि दुर्जनपुर गांव मे सभी असलहों का लाइसेंस निरस्त किया जायेगा।
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ये था पूरा मामला…
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में राशन की दुकान के चयन को लेकर खुली बैठक में दो पक्षों के विवाद में भाजपा विधायक के करीबी ने फायरिंग कर दी जिसमे एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना के दौरान एसडीएम और सीओ सहित पुलिस वाले भी मौजूद थे।
यूपी में कानून व्यवस्था किस कदर चरमराई गई है इसका नजारा देखने को मिला बलिया जनपद में जहां दबंगो को न अधिकारियों का डर है न वर्दी वालों का खौफ। दरसल रेवती थाना अंतर्गत दुर्जनपुर गावँ में राशन की दुकान के चयन को लेकर खुली बैठे थी जिसमें एसडीएम, सीओ और एसओ सहित गांव के सैकड़ों लोग मौजूद थे /इसी दौरान दो स्वयम सहायता समूहों का समर्थन करने वाले आपस में भिड़ गए ।
धीरेन्द्र सिंह ने शुरु की फायरिंग
जिसके बाद अधिकारियों ने चयन प्रक्रिया को रोक दिया। इसी दौरान दोनों पक्षों में विवाद शुरू होगा और दबंग धीरेन्द्र सिंह ने फायरिंग शुर कर दी कई राउंड की फायरिंग में जय प्रकाश पाल को गोली लग गई । वहीं इलाज के लिए ले जाते समय जय प्रकाश की मौत हो गई ।
गरीबों को बांटे जाने वाले राशन के कोटे की दुकान के लिए गांव में अक्सर ऐसे विवाद होते रहे है पर इस घटना में जिसतरह भाजपा विधायक के करीबी आरोपी धीरेन्द्र सिंह ने अधिकारियों कि मोजुदगी में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया। यह घटना यूपी की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है।
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(रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी, बलिया)