एक तरफ जहां देश मे आक्सीजन की कमी से सैकड़ों कोरोना मरीजों की मौत की खबरें आ रही हैं वहीं दूसरी और जिलों में अधिकारियों की मनमानी से ऑक्सीजन की कमी से मासूमों के जीवन पर भी बन आई है । ऑक्सीजन की कमी के कारण प्राइवेट अस्पताल में भर्ती बच्चों की जिंदगी आक्सीजन न मिलने से दांव पर लगी है।
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चिकित्सकों के गिड़गिड़ाने के बाद भी सीएमओ द्वारा ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं कराई जा रही है। आलम यह है कि समय रहते ऑक्सीजन नहीं मिला तो ११ बच्चों का जीवन संकट में पड़ सकता है । वहीं सीएमओ ने बेतुका बयान देते हुए कहा है कि ऑक्सीजन की कमी पूरे उत्तर प्रदेश में है।
मेडिकल कॉलेज के पास स्थित एक प्राइवेट हास्पिटल का संचालन डॉ. ग्यास अहमद कर रहे है। इनके यहां 11 बच्चें वेटिलेटर पर है। डॉ. का आरोप है कि बच्चों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है। जिसकी जानकारी सीएमओ बहराइच को बुधवार की शाम को ही दे दी गई थी। जानकारी देने के बाद भी सिलेंडर नहीं उपलब्ध कराया गया।
गुरूवार सुबह से ही सीएमओ कार्यालय का चक्कर काटने के बाद भी सिलेंडर देने की अनुमति नहीं दी गई। चिकित्सक का आरोप है कि अगर समय रहते ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला तो बच्चों की जिंदगी को खतरा है और उन्हें बचा पाना बड़ा मुश्किल है। चिकित्सक ने बताया कि सुबह ११ बजे से ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए सीएमओ के पास चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन वह अनुमति नहीं दे रहे है। ऐसे में बच्चों की जान जा सकती है।
पूरे उत्तर प्रदेश मेें है ऑक्सीजन की कमी
डॉ. ग्यास अहमद केवल बच्चों के डाक्टर है। बच्चों के हिसाब से ऑक्सीजन दिया जाएगा। इसके लिए दो डाक्टरों की कमेटी बनाई गई है। इनके जांच के अनुसार ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जाएगी। आक्सीजन की किल्लत पूरे उत्तर प्रदेश में है।
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(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच)