प्रतापगढ़–एक तरफ दिल्ली में प्रदूषित वायु ने अपना कब्जा जमा रखा है तो वहीं यूपी भी इससे अछूता नहीं है। प्रदूषण की जद में पूरा प्रतापगढ़ नगर पालिका इलाका है।
ऊपर से कोढ़ में खाज का काम कर रहा है स्मॉग, जिसने एक सप्ताह से पूरे इलाके को जकड़ रक्खा है। हालांकि जिले में कोई उद्योग नही है जिसे प्रदूषण का कारक माना जा सके। लेकिन पूरे शहर की सड़कें देख कर आप ये एहसास करेंगे कि यहा पक्की सड़के ही नही है। लेकिन ऐसा नही है यहा सड़के जो भी बनाई जाती है उसमें सावधानी बरती जाती है कि साल छह महीने से ज्यादा न चले ताकि सरकारी धन का बंदरबांट आसानी से किया जा सके। ग्रामीण इलाकों में धूल नही मिलेगी लेकिन शहर में सांस लेना मुश्किल हो गया है। धूल के चलते लोग सांस की बीमारियों, अस्थमा की चपेट में आते जा रहे है। सड़को में इस्तेमाल होने वाली गिट्टी की ही खदानों से सिल्का सैंड भी निकलती है जिससे शीशा बनता है ये सैंड ही कैंसर जैसी घातक बीमारियों को भी जन्म देती है।
अगर सड़को का निर्माण समय रहते न किया गया तो शहरियों के जीवन पर कैंसर का ग्रहण भी लग सकता है। बड़ा सवाल ये है कि इस ओर नगर पालिका प्रशासन कब नजरें इनायत करेगा और कब सुधरेगी शहर की सड़कों की हालत, पालिका के बोर्ड पर लगभग बाइस बरस से भाजपा का कब्जा है। लगातार चार बार भाजपा के हरि प्रताप सिंह अध्यक्ष रहे और वर्तमान में उनकी पत्नी प्रेमलता सिंह अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज है। सूबे में जिले के तीन मंत्री है, भाजपा के चार विधायक और सांसद भी भाजपा का है, पालिका से लेकर देश की सत्ता में भाजपा काबिज है बावजूद इसके शहर का ये हाल है।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)