Delhi Hospital Fire, नई दिल्लीः दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर (Baby Care Center) में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई है। जबकि कई मासूम झुलस गए। अस्पताल से 12 बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। जिसमें पांच अन्य नवजात बच्चे जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अस्पताल में आग ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से लगी। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉ। नवीन खिची को गिरफ्तार कर लिया है। उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। नवीन दिल्ली में कई बेबी सेंटर चलाते हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस एफआईआर में धारा 304 भी जोड़ सकती है। वहीं हादसे पर पीएम मोदी दिल्ली के सीएम केजरीवाल समेत तमाम नेताओं ने दुख जताया है। साथ ही मुआवजे का ऐलान भी किया गया है।
मौके पर मची अफरा-तफरी
बता दें कि बेबी केयर सेंटर में में आग लगते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। शोर के बीच स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े। देखते ही देखते आग ने ऊपरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के लोगों ने पुलिस और अग्निशमन विभाग के साथ मिलकर इमारत के पीछे की खिड़कियां तोड़ दीं और नवजात बच्चों को एक-एक करके किसी तरह बाहर निकाला।
दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने की कोशिश की और एक-एक कर बच्चों को बचाना शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि इमारत से 12 नवजात शिशुओं को निकाला गया। इनमें से छह की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि एक बच्चे को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। पांच का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें से एक की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंची
शनिवार रात करीब 11:32 बजे दिल्ली के शाहदरा इलाके में आईआईटी ब्लॉक बी, विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। अग्निशमन विभाग के मुताबिक, चाइल्ड केयर सेंटर में बच्चे और स्टाफ मौजूद थे।
हादसे पर उठ रहे कई सवाल
इस हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जैसे 7 मासूम बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शिशु देखभाल केंद्र का निरीक्षण किया? क्या सभी मानक पूरे करने के बाद ही केंद्र चलाने की अनुमति दी गई? क्या बेबी केयर सेंटर को मिली फायर एनओसी? क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग का काम चल रहा था? क्या स्थानीय पुलिस को कोई छूट मिल रही थी? इलाके में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई शिशु देखभाल केंद्र में अवैध ऑक्सीजन रिफिलिंग के बारे में जानता था, लेकिन स्थानीय पुलिस ने इस पर आंखें मूंद लीं।
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