उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गांव डौंडिया खेडा में 1000 टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी करने वाले बाबा शोभन सरकार (Shobhan Sarkar) का बुधवार सुबह निधन हो गया है। बाबा ने अपने आश्रम स्थित आरोग्य धाम अस्पताल में अंतिम सांस ली।
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वहीं उनके निधन की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ कोरोना का खौफ भूल गई और लॉकडाउन की परवाह किए बगैर आश्रम की ओर उमड़ पड़ी।कानपुर जिले में बाबा शोभन सरकार (Shobhan Sarkar) का मान्यता इस कदर है कि हर घर में कोई एक सदस्य उनका अनुयायी है। यही नहीं शहर के बड़े कारोबारियों में उनके प्रति बड़ी श्रद्धा है। उनके निधन से भक्त शोक में डूब गये हैं।
कौन थे रहस्यमयी बाबा शोभन सरकार
बता दें कि शोभन सरकार उस वक्त सुर्खियों में आ गये थे जब उनके बताये जाने पर सोने के खजाने की खोज में भारत सरकार ने उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में खुदाई शुरू कर दी थी। शोभन सरकार को रहस्मयी साधू माना जाता है। भक्तों के मुताबिक उन्हें किसी ने नहीं देखा है। शोभन सरकार के नाम से प्रचलित इन साधु का असली नाम परमहंस विरक्तानंद जी है। लोग सम्मानपूर्वक उनके नाम के साथ ‘सरकार’ जोड़ते हैं।
बाबा शोभन सरकार जन्म कानपुर के मैथा ब्लॉक के शकुलनपुरवा के एक परिवार में हुआ था। पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था।
सोने के खजाने को लेकर सुर्खियों में आए थे बाबा
दरअसल रहस्मयी बाबा शोभन सरकार (Shobhan Sarkar) वर्ष 2013 में उस वक्त सुर्खियों में जब उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में राजा राम बख्श सिंह के किले के आसपास एक हजार टन सोना दबा होने का सपना देखा था। इसके बाद वहां सरकार के आदेश पर खुदाई शुरू की गई। शोभन सरकार का पहले से ही उन्नाव के आसापास बहुत प्रभाव रहा है और लोग उन पर श्रद्घा रखते हैं। किले के पास शोभन सरकार का आश्रम भी है।
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