लखनऊ– नए साल में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर शिकंजा और कसने के लिए सरकार अब उनकी हाजिरी बॉयोमैट्रिक सिस्टम से लेने जा रही है। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी स्कूल इंचार्जों से 25 दिसंबर तक बॉयोमैट्रिक मशीनों को दुरुस्त कर अपनी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
जिससे पहली जनवरी से यह व्यवस्था लागू हो सके प्रदेश सरकार ने सरकारी शिक्षकों की लेट लतीफी चलते यह कदम उठाया है। अब हर स्कूल में यह मशीन लगाई जाएगी। जहां मशीनें खराब पड़ीं हैं, वहां उन्हें जल्द से जल्द ठीक कराया जा रहा है। इन मशीनों को इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा निदेशालय से जोड़ने का भी काम चल रहा है। बॉयोमैट्रिक सिस्टम को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी स्कूल हेड मास्टर की होगी। यदि कोई शिकायत मिली तो हेड को 2500 रुपये जुर्माना लगेगा। साथ में उससे स्पष्टीकरण भी देना होगा। इस मशीन के जरिए सभी अनुबंध व नियमित कर्मचारियों की हाजिरी लगेगी। मशीन में ही होगा अवकाश का प्रावधान बॉयोमैट्रिक मशीन में स्टाफ के लिए यदि आकस्मिक अवकाश चाहिए है तो उसकी भी व्यवस्था मशीन में की गई है। मशीन में इस बारे में ऑप्शन दिया गया है जिससे वो कर्मचारी आकस्मिक अवकाश भी ले सकता है, लेकिन उसका कारण व विवरण लिखित में माह के अंत में भेजना होगा। इतना सब करने के बाद में मशीन को ई सैलरी सिस्टम से अटैच करने का प्रोग्राम है ताकि छुट्टियों के अनुरूप मासिक वेतन दिया जा सके। यदि स्कूल पहुँचने में देरी हुई तो कटेगा वेतन सभी स्कूल इंचार्जों को भेजे गए आदेश में शिक्षकों को भी स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि देरी हुई तो शिक्षक के वेतन से पैसा कटेगा।
शिक्षा निदेशालय ने सभी शिक्षकों को निर्धारित समय से 15 मिनट पहले स्कूल पहुंचने की हिदायत दी है। यदि अध्यापक तीन दिन लगातार 5 मिनट देरी से पहुंचेगा तो शिक्षक का एक दिन का वेतन और 10 मिनट देरी से पहुंचने वाले शिक्षक का आधा दिन का वेतन काटने का नियम है। शिक्षा निदेशालय हर महीने स्कूल इंचार्जों को ई मेल द्वारा शिक्षकों की वेतन संबंधित जानकारी प्राप्त करेगा।