कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिस कर्मियों की मौत के बाद भी यूपी पुलिस अपन कार्य शैली में बदलाव करती नहीं नजर आ रही है। इसका ताजा उदाहरण पीलीभीत में उस समय देखने को मिला जब मुखबिर की सूचना पर अवैध शराब के कारोबारियों को पकडने गए एक दारोगा सहित सिपाहियों को आरोपित ग्रामीणों ने दौड़ा लिया।
इतना नहीं जब घटना की जानकारी पाकर थाने के एसओ गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने खुद ही झोपडियों में आग लगा दी। जिसके बाद पुलिस कर्मी वापस लौट आए।
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मामला पूरनपुर कोतवाली थाना क्षे्त्र के सुुआबोझ गांव का है। यहां कोतवाली में तैनात दारोगा दीपचंद को मुखबिर से सूचना मिली कि गांव में कुछ लोग अवैध शराब के कारोबार में लिप्त है और अवैध शराब तैयार की जा रही है। जानकारी मिलने पर दारोगा चार सिपाहियो सहित आरोपितों को पकडऩे गांव पहुंचे।
लेकिन आरोपितों को पकडऩे गांव पहुंची पुलिस टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीणों के तेवर देख दारोगा अपने सिपाहियों सहित वाहनों को छोड़ वापस लौट आए। जिसके बाद उन्होंने घटना की सारी जानकारी कोतवाल को दी। गाड़़ी़ छोड़कर वापस आने की जानकारी मिलते ही कोतवाल सकते में आ गए।
जिसके बाद कोतवाली प्रभारी एसके सिंंह पुलिस टीम के साथ गांव पहुंचे । कोतवाल को आता देख ग्रामीण फिर भडक गए। इससे पहले कि पुलिस कुछ कर पाती। ग्रामीणों ने स्वयं ही अपने घरो की झोपड़ी में आग लगा दी। यह देख कोतवाल सहित अन्य पुलिस कर्मी दवाब में आ गए। जिसके बाद कोतवाल फोर्स सहित वापस लौट आए। हालांकि कोतवाल ने ग्रामीणों के ऊपर दवाब बनाने की बात कहीं है।